यूपी के बहराइच में ठीक शादी के वक्त अचानक काजी के निकाह पढ़ाने से इनकार करने पर लोग हैरान रह गये। इससे खुशी के माहौल में कुछ देर के लिए सन्नाटा पसर गया। दुल्हन और दूल्हा पक्ष के लोग कुछ देर तक समझ नहीं पा रहे थे कि काजी को क्या हो गया। बाद में काजी उठे और कहा कि यहां डीजे पर लोग नाच गा रहे हैं। यह इस्लामिक रीति-रिवाज के खिलाफ है। ऐसे में वह यहां निकाह नहीं पढ़वा सकते हैं।
बहराइच जिले में दो जुलाई को आई थी बारात
जिले के फखरपुर पुलिस स्टेशन के घासीपुर टांड़ गांव में नाजिर अली की बेटी की रविवार 2 जुलाई को निकाह था। बारात पड़ोस के बौंड़ी पुलिस स्टेशन के ढखेरवा वजीरगंज से आई थी। सब कुछ बढ़िया तरीके से हो रहा था। जब बारात नाजिर अली के दरवाजे पर पहुंची तो वहां पर डीजे पर नाच गाना शुरू हो गया। दूल्हा पक्ष से आए लोग फिल्मी गानों पर नाच गा रहे थे।
काजी ने कहा नाच गाना इस्लामिक रस्म-रिवाजों के खिलाफ
स्वागत सत्कार और खाना-पानी के बाद जब निकाह के लिए काजी पहुंचे तो वहां पर नाच गाना और डीजे देखकर नाराज हो गये। उन्होंने दोनों पक्षों से साफ कह दिया कि वे निकाह नहीं पढ़वा सकते हैं। उन्होंने कहा कि डीजे और नाच गाना इस्लामिक रस्म-रिवाज के खिलाफ है। ऐसे हालात में वह निकाह हर्गिज नहीं पढ़वा सकते हैं। भरी बारात और दोनों पक्षों के रिश्तेदारों और मेहमानों के सामने उनके इस ऐलान से सन्नाटा पसर गया।
बहरहाल बड़े बुजुर्गों की सहमति के बाद दूल्हे के पिता और बड़े भाई ने इसके लिए सबसे सामने काजी से माफी मांगी और वादा किया कि वे भविष्य में भी इस तरह के डीजे और नाच गाना को निकाह के वक्त नहीं होने देंगे। इसके बाद काजी निकाह पढ़वाने के लिए राजी हुए।
दूल्हे के पिता के कहने पर वहां नाच गाना और डीजे बंद कर दिया गया। निकाह पढ़वाने के बाद बाकी की रस्में सब कुछ शांतिपूर्वक ढंग से हंसी-खुशी पूरा हुआ। इस घटना की आसपास के इलाकों में काफी चर्चा रही। निकाह पढ़वाने वाले काजी ने दूल्हे के पिता से यह वादा भी लिया कि भविष्य में दोबारा ऐसा कुछ हुआ तो उन्हें पांच हजार रुपये जमा करने होंगे।