Unnao rape case: उन्नाव बलात्कार मामला में पीड़िता के पिता की हत्या के दोष में अदालत ने निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित सभी दोषियों को 10 साल की कैद की सजा सुनाई है। जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर और उनके भाई अतुल सेंगर को पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में 10-10 लाख रुपये देने का आदेश दिया है। बता दें पीड़ित के पिता की मौत 9 अप्रैल, 2018 को पुलिस हिरासत में हो गई थी।

पीड़िता का 2017 में सेंगर ने कथित तौर पर अपहरण कर बलात्कार किया था। घटना के समय वह नाबालिग थी। कोर्ट ने पिछले साल 20 दिसंबर को सेंगर को लड़की के दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया था। उसी मामले में यह दूसरी एफआईआर थी, जिसमें कोर्ट ने आज सजा सुनाई है। जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा, “पीड़िता ने अपने पिता को खो दिया। वह अपने घर नहीं लौट सकती। परिवार में चार बच्चे हैं.. उनमें से तीन लड़कियां हैं और चारों नाबालिग हैं।”

जज ने आगे कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कानून तोड़ा गया है। सेंगर एक सार्वजनिक अधिकारी थे और उन्हें कानून का शासन बनाए रखना था। सेंगर एक सार्वजनिक अधिकारी थे और उन्हें कानून का शासन बनाए रखना था। इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 11 आरोपियों में से 4 को बरी कर दिया था, जबकि 7 लोग दोषी करार दिए गए थे।

जिन लोगों को इस मामले का दोषी माना गया है उनके नाम कुलदीप सिंह सेंगर, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह, जयदीप सिंह हैं।

बता दें पिछले साल हुए कार दुर्घटना में पीड़िता के परिवार के लोगों की मौत से जुड़ी मामले में फैसला आना बाकी है। 28 जुलाई 2019 को पीड़िता अपने अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ रायबरेली जा रही थी। इस दौरान उनकी कार को ट्रक ने टक्कर मारी। ये एक्सीडेंट इतना भयानक था कि हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। पीड़िता और उसके वकील का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज अस्पताल में चला और दोनों को लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया। जिस ट्रक के साथ कार का एक्सीडेंट हुआ उसकी नंबर प्लेट केपी छुपाया गया था।