प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री संजीव बालियान ने कथित देश विरोधी नारेबाजी के चलते जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (JMI) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्रों पर निशाना साधा। उन्होंने बुधवार (22 जनवरी, 2020) को मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वो केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से निवेदन करेंगे कि जेएनयू और जामिया में, जो देश विरोधी लोग हैं उनका एक ही इलाज है कि वेस्टर्न यूपी यानी पश्चिमी उत्तर प्रदेश का दस फीसदी कोटा दिलवा दो। सबका इलाज कर देंगे। किसी की कोई जरुरत नहीं पड़ेगी। भाजपा नेता ने आगे कहा, ‘फिर कोई नारे नहीं लगा पाएगा। देश के खिलाफ किसी की हिम्मत नहीं होगी नारे लगाने की। ये उत्तर प्रदेश की भूमि है।’
#WATCH Union Minister Sanjeev Balyan in Meerut: Main Rajnath ji se nivedan karoonga, jo JNU,Jamia mein desh ke virodh mein naare lagate hain inka ilaaj ek hi hai,pashchim Uttar Pradesh ka wahan 10% reservation karwa do,sabka ilaaj kar denge,kisi ki zarurat nahi padne ki (22.1.20) pic.twitter.com/qoYmlxR3Ce
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 23, 2020
उल्लेखनीय है कि जिस कार्यक्रम में संजीव बालियान बोल रहे थे उसी कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए। इसमें उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय मुसलमान को कोई छू तक नहीं पाएगा और उन्होंने इस आशंकाओं को नकारा कि अगर एनपीआर और एनआरसी को लाया जाता है तो समुदाय को निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार नहीं, बल्कि देश बनाने के लिए राजनीति करते हैं।’ संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित रैली में उन्होंने यह बात कही।
मेरठ के माधवकुंज मैदान में संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में आयोजित जन जागरण रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि हमने (पिछली सरकार में) नागरिकता संशोधन कानून बनाया था लेकिन उस दौरान यह लागू नहीं हो सका था और इस बार हमने इसे कर दिखाया। उन्होंने कहा, ‘इस कानून को अब हिन्दू मुस्लिम के नजरिए से देखा जा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री धर्म से इतर न्याय की बात करते हैं। गांधी जी ने भी कहा था कि धर्म के आधार पर विभाजन नहीं होना चाहिए। टुकड़े टुकड़े करने के नारे लगाए जा रहे हैं। सारी दुनिया भारत की ताकत स्वीकार कर रही है। हम धर्म या मजहब की राजनीति कर स्वार्थ नहीं साधते।’ (भाषा इनपुट)