केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि बहुत जल्द पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय झंडा लहराएगा। वह दिन दूर नहीं है। जम्मू-कश्मीर में चेनानी-नाशरी सुरंग का नाम बदले जाने को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का कारवां आगे की ओर बढ़ रहा है। वह दिन जल्द आएगा, जिसके लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी कुर्बानी दी थी।

पीएम मोदी ने 2017  में इसे राष्ट्र को समर्पित किया था: सुरंग का नाम बदलकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर करने का प्रस्ताव स्वीकार करने का श्रेय सिंह ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को दिया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2017 में नौ किलोमीटर लंबी सुरंग को राष्ट्र को समर्पित किया था. जिससे जम्मू और श्रीनगर के बीच दूरी में 31 किलोमीटर की कमी आई लेकिन ‘किन्हीं मजबूरियों’ के कारण इसका नाम मुखर्जी के नाम पर नहीं रखा जा सका था।

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2,600 करोड़ रुपये की लागत आई थी: चेनानी-नाशरी सुरंग का निर्माण 2,600 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। सुरंग यात्रा के समय को दो घंटे तक कम कर देती है और सभी मौसम में जम्मू और उधमपुर से रामबन, बनिहाल और श्रीनगर जाने वाले यात्रियों के लिए एक सुरक्षित मार्ग प्रदान करती है।

66 वर्ष पहले हुई थी मुखर्जी का निधन: उन्होंने कहा कि 66 वर्ष पहले 11 मई 1953 को मुखर्जी को बिना प्राथमिकी, आरोपपत्र या चेतावनी दिए अवैध रूप से लखनपुर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें चेनानी- नाशरी मार्ग से श्रीनगर ले जाया गया था। मुखर्जी की 23 जून 1953 को मृत्यु के बाद उनकी मां ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखकर उनकी मौत की जांच करने की मांग की थी।