Shashi Tharoor and Hardeep Singh Puri: भारत की सियासत में एक बार फिर से जॉर्ज सोरोस का नाम गूंज रहा है। बीजेपी ने पूरे शीतकालीन सत्र में कांग्रेस को जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को घेरा। अब सोरोस को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी सोशल मीडिया पर भिड़ गए हैं। थरूर ने 15 दिसंबर को कहा था कि मैं सोरोस हरदीप पुरी के अमेरिका के घर में मिला था। इस पर केंद्रीय मंत्री ने भी करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद ने पूरे मामले को सही से नहीं बताया। पुरी ने कहा कि थरूर ने ही उन्हें डिनर में शामिल होने वाले लोगों की लिस्ट सौंपी थी।
दरअसल, शशि थरूर ने सोरोस को लेकर 2009 में एक ट्वीट किया था। यह ट्वीट अब वायरल हो रहा है। अब थरूर ने इस ट्वीट को लेकर सफाई जारी की है। थरूर ने कहा कि सोरोस से उनकी मुलाकात अमेरिका में वर्तमान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के आवास पर हुई थी। अब इस मामले पर जवाब देते हुए हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘भाषा को अक्सर धोखा देने की प्रमुख कलाओं में से एक माना जाता है। कांग्रेस पार्टी में मेरे कुछ मित्र भ्रम फैलाने में माहिर हैं। लेकिन वे अपने जोखिम पर ट्वीट करते हैं। मैं उनके द्वारा उठाए गए दो मुद्दों को उठाना चाहता हूं। पहला मेरे मित्र डॉ. शशि थरूर जो डीयू के सेंट स्टीफंस कॉलेज में छात्र थे, जब मैं शिक्षण संकाय का सदस्य था, मेरे संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के तुरंत बाद वे विदेश राज्य मंत्री के रूप में न्यूयॉर्क पहुंचे थे।’
शशि थरूर ने दी थी मेहमानों की लिस्ट
केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा, ‘मैंने उन्हें और उनके साथी को 11 अक्टूबर 2009 को नाश्ते पर और फिर 12 अक्टूबर 2009 की शाम को रात के खाने पर मेजबानी की। चूंकि मैं उस समय शहर में कुछ ही महीने का था, लेकिन डॉ थरूर ने न्यूयॉर्क में काफी समय बिताया था, इसलिए मैंने डिनर के लिए आमंत्रित लोगों की लिस्ट नहीं चुनी थी। यह मुझे मंत्री थरूर ने दी थी। राजनयिक बिरादरी के सदस्यों के अलावा मैंने लिस्ट में सोरोस का नाम देखा और मुझे सही से याद है कि मैंने इस बारे में तत्कालीन मंत्री के साथ बात की थी, जो मई 2009 में उनसे मिले भी थे और यहां तक कि उन्होंने इसके बारे में ट्वीट भी किया था।’
जॉर्ज सोरोस मामले पर बीजेपी ने उठाए सवाल
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘आम तौर पर वे बहुत तत्पर रहते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। पीछे मुड़कर देखने पर यह साफ है कि नाम इसलिए शामिल किया गया क्योंकि संबंधित सज्जन राजीव गांधी फाउंडेशन के लाभार्थियों में से थे और राज्य मंत्री उनसे मिलने के लिए उत्सुक थे। दूसरा, मनीष तिवारी ने 2019 में और फिर 2024 में चंडीगढ़ एयरपोर्ट के बारे में एक सवाल पूछा और दावा किया कि उन्हें विरोधाभासी जवाब मिले। तिवारी जानते हैं कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट के पुराने टर्मिनल भवन ने 2015 में परिचालन बंद कर दिया था जब नया टर्मिनल भवन चालू हुआ था। इसलिए, उसके बाद पुराने टर्मिनल के नवीनीकरण पर कोई खर्च नहीं किया गया।’ कौन है जॉर्ज सोरोस और क्यों भारत की संसद में लिया जा रहा है यह नाम, क्या सोनिया गांधी से है कोई संबंध? पढ़ें पूरी खबर…