भारत में टेलीकॉम कंपनियों ने 5G को रोलआउट तो कर दिया है लेकिन भारत अब 6G की तैयारियों में भी जुट गया है। भारत में 6G को लाने का लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2030 तक रखा गया है और इसी के मद्देनजर टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 6G के एलायंस की घोषणा की है।
टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की 6G एलायंस की घोषणा
टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जिस 6G एलायंस की घोषणा की है, वह सार्वजनिक, प्राइवेट सेक्टर और अन्य विभागों का गठजोड़ है। ये सभी विभाग 6G को आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान देंगे और नए आइडिया भी देंगे। इस एलायंस में नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट एंड साइंस ऑर्गनाइजेशन को भी शामिल किया जायेगा।
बता दें कि इसी वर्ष मार्च में पीएम मोदी ने 6G विजन डॉक्यूमेंट पेश किया था और 6G टेस्ट बेड्स का भी ऐलान किया गया था। टेस्ट बेड्स में किसी भी टेक्नोलॉजी को लॉन्च से पहले टेस्ट किया जाता है। यानी इसे एक तरह का ट्रायल भी कह सकते हैं। मार्च में ही टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि भारत के पास 6G के 127 पेटेंट मौजूद हैं और इससे भारत के प्रयासों को और बल मिलेगा। ऐसा अनुमान जताया गया है कि भारत की Digital Economy 2025 तक एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की हो जाएगी।
बता दें कि भारत का लक्ष्य है जल्द से जल्द टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश अव्वल हो और बाहर से तकनीक पर निर्भरता कम हो। भारत जल्द टेक्नोलॉजी के निर्यात में भी बड़ी भूमिका अदा करना चाहता है, इसलिए भी भारत ने 6G की तैयारियों पर जोर देना शुरू कर दिया है।
भारत में मिल रही 5G की सर्विस
भारत में 2022 के अंत से 5G सर्विस शुरू कर दी गई थी। टेलीकॉम कंपनियां यह सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं कि भारत का 5G रोलआउट दुनिया में सबसे अच्छा हो। Airtel और Jio दोनों ही अपने ग्राहकों को अनलिमिटेड 5G ऑफर कर रही हैं। हालांकि अभी भी देश के कई इलाकों में 5G नहीं पहुंचा है, लेकिन कंपनियों का लक्ष्य है कि जल्द से जल्द दूर-दराज क्षेत्रों में भी 5G की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।