शनिवार यानि कि एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। बजट तैयार करने के लिए अधिकारी ‘बजट प्रेस’ में बंद है और पूरे समर्पण के साथ बजट छपाई के काम में जुटे हैं। इसी बीच बजट छपाई कर रही टीम के सदस्य और बजट प्रेस के डिप्टी मैनेजर कुलदीप शर्मा के पिता का बीती 26 जनवरी का निधन हो गया, लेकिन ड्यूटी के चलते कुलदीप शर्मा घर नहीं जा सके और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाने का फैसला किया।

द इंडियन एक्सप्रेस में छपे ‘देल्ही कॉन्फिडेंशियल’ नामक एक लेख में इस बात की जानकारी दी गई है। बता दें कि वित्त मंत्रालय में आयोजित होने वाली हलवा सेरेमनी के बाद बजट छपाई का काम शुरू हो जाता है। खास बात ये है कि बजट छपाई के काम में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को बजट पेश होने तक एक खास जगह नजरबंद कर दिया जाता है और बाकी दुनिया से इनका संपर्क कुछ समय के लिए कट जाता है।

बजट छपाई में जुटे वित्त मंत्रालय और अन्य अधिकारी और स्टॉफ वित्त मंत्रालय के दफ्तर ‘नॉर्थ ब्लॉक’ में ही रहते हैं। वे लोकसभा में वित्त मंत्री के बजट पेश करने तक बाहर नहीं जा सकते। इस दौरान वह अपने परिवार से दूर रहते हैं और इसके साथ ही उन्हें अपने करीबी लोगों से फोन या फिर ई-मेल के जरिए संपर्क करने की भी इजाजत नहीं होती है।

ऐसा बजट की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए किया जाता है। इतना ही नहीं खूफिया विभाग की एक टीम बजट छपाई में लगे अधिकारियों पर नजर रखती है। साइबर चोरी की संभावनाओं से बचने के लिए स्टेनोग्राफर के कंप्यूटर नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर के सर्वर से दूर होत हैं। साथ ही जहां बजट तैयार होता है, वहां एक पावरफुल जैमर लगा होता है, ताकि कोई भी जानकारी लीक ना हो सके।

बजट तैयार करने के दौरान वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के साथ ही विशेषज्ञ, प्रिंटिंग टेक्नीशियन और कुछ स्टेनोग्राफर्स नार्थ ब्लॉक में नजरबंद रहते हैं।

देश का बजट पहले राष्ट्रपति भवन में प्रिंट होता था, लेकिन साल 1950 में बजट लीक होने के बाद इसे मिंटो रोड पर एक प्रेस में छापा जाने लगा। साल 1980 से बजट की प्रिंटिंग का काम नॉर्थ ब्लॉक में हो रहा है।