यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लॉ कमीशन ने देश की जनता और धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर राय मांगी है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) पर प्रतिक्रिया दी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करना आर्टिकल 370 को हटाने जितना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसका असर सभी धर्मों पर पड़ेगा।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यूसीसी को लागू करने का सवाल इसलिए नहीं है क्योंकि यह अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने जैसा आसान नहीं है। इसके दायरे में सभी धर्म शामिल हैं। सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि सिख, ईसाई, आदिवासी, जैन और पारसी इन सभी लोगों को नाराज करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार को यही सलाह है कि उन्हें ऐसा कदम उठाने के बारे में कभी नहीं सोचना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर में जमीन बाहरी लोगों को नहीं दी जाए
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी अध्यक्ष ने यूसीसी के अलावा भूमिहीनों को जमीन देने के फैसले पर कहा कि यह फैसला सही है लेकिन जमीन केवल केंद्र शासित प्रदेश के गरीब निवासियों को दी जाए, बाहरी लोगों को नहीं। उन्होंने कहा, “जमीन दी जानी चाहिए लेकिन एक शर्त है। हम घोषणा का स्वागत करते हैं, लेकिन यह केवल जम्मू-कश्मीर के गरीब निवासियों को दी जानी चाहिए। यह महत्वपूर्ण है।”
जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम ने केंद्र शासित प्रदेश में जल्द विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम पिछले कई सालों से चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में केवल निर्वाचित प्रतिनिधि ही लोगों के लिए काम कर सकते हैं। अधिकारी यहां या देश में कहीं भी छह महीने से अधिक समय तक नहीं चला सकते। निर्वाचित प्रतिनिधियों का होना जरूरी है। हम लगातार यह मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं।”
महाराष्ट्र में एनसीपी के घटनाक्रम पर आजाद ने कहा कि मेरे मन में शरद पवार के लिए बहुत सम्मान है, मैं चाहता था कि उनकी पार्टी मजबूत हो लेकिन आंतरिक स्थिति के कारण जो कुछ भी हुआ है मैं इससे खुश नहीं हूं। हालांकि, यह उनका आंतरिक मामला है।