Unified Pension Scheme News: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को मंजूरी दे दी है। इस स्कीम के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को कम से कम 25 साल की नौकरी के बाद रिटायरमेंट पर अंतिम 12 महीनों की बेसिक पे का 50% पेंशन के रूप में दिया जाएगा।

सरकार द्वारा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को मंजूरी दिए जाने के बाद सियासी दलों की तरफ से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। CPI नेता राम कृष्ण पांडा ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को सरकारी कर्मचारियों के लिए लॉलीपॉप बताया है। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, वो (बीजेपी) कांट्रीब्यूटरी पेंशन नहीं चाहते हैं। पांडा ने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम नई बोतल में पुरानी शराब की तरह है।

बीजेडी के कलिकेश सिंह देव ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि न्यू पेंशन स्कीम ऐसी योजना थी जिसमें कोई गारंटी नहीं थी। यह मार्केट फोर्सेज और ब्याज दरों से संचालित होती थी और हम जानते हैं कि ब्याज दरें कम हो रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब सरकार ने आखिरी सैलरी के 50% देने की गांरटी ली है और कुछ अन्य बेनिफिट्स का भी ऐलान किया है। हमें यह देखना होगा कि क्या यह गारंटी और बारीक अक्षरों में लिखी बातें वास्तव में न्यू पेंशन स्कीम से ज्यादा है।

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जेडीयू ने की यूनिफाइड पेंशन स्कीम की तारीफ

जेडीयू के राजीव रंजन प्रसाद ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि इस फैसले का लोगों को इतंजार था। यह केंद्र सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा गिफ्ट है। जो लोग सरकारी सेवा में दस साल पूरे करेंगे, उन्हें कम से कम दस हजार रुपये पेंशन मिलेगी। यह सरकारी कर्मचारियों संगठनों के लिए बड़ा गिफ्ट है।

शिवसेना यूबीटी के नेता आनंद दुबे ने कहा कि यूनाफाइड पेंशन स्कीम लाकर केंद्र सरकार ने विपक्ष की मांग तो माननी पड़ी। यह विपक्षी की मांग रही है। लोकसभा चुनाव में नुकसान के बाद उन्हें समझ में आ गया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लानी पड़ेगी। क्योंकि उन्होंने दो विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद यह किया है तो उन्होंने पीछे के दरवाजे से आचार संहिता भंग कर दी है।