गुजरात में हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। धोलावीरा दूसरा ऐसा स्थल है जिसे इस महीने विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इससे पहले तेलंगाना के वारंगल में पालमपेट स्थित रामप्पा मंदिर को भी इस सूची में शामिल किया गया था।
धोलावीरा को वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल करने की जानकारी देते हुए यूनेस्को ने ट्वीट किया कि भारत में हड़प्पा काल के धोलावीरा शहर को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के 44 वें सत्र के दौरान धोलावीरा और रामप्पा मंदिर को इस सूची में शामिल किया गया। धोलावीरा को शामिल किए जाने के बाद अब गुजरात में चार विश्व धरोहर स्थल हो गए हैं। अहमदाबाद, चंपानेर और पाटन में रानी की वाव को पहले से ही विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है।
Absolutely delighted by this news.
Dholavira was an important urban centre and is one of our most important linkages with our past. It is a must visit, especially for those interested in history, culture and archaeology. https://t.co/XkLK6NlmXx pic.twitter.com/4Jo6a3YVro
— Narendra Modi (@narendramodi) July 27, 2021
धोलावीरा को वैश्विक धरोहर स्थल में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी ख़ुशी जाहिर की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं इस खबर से बहुत खुश हूं। उन्होंने लिखा कि धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र हुआ करता था और यह हमें हमारे अतीत के साथ जोड़ता है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से धोलावीरा जाने की भी अपील की। उन्होंने लिखा कि विशेष रूप से इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व में रूचि रखने वालों को वहां जरूर जाना चाहिए।
इस दौरान प्रधानमंत्री अपने धोलावीरा यात्रा की तस्वीरें भी साझा की। तस्वीरों को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि मैं अपने विद्यार्थी जीवन में पहली बार धोलावीरा गया था और उस जगह को देखकर मंत्रमुग्ध रह गया था। गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मुझे धोलावीरा में धरोहर स्थल संरक्षण और पुनर्निमाण कार्य से जुड़े पहलुओं पर काम करने का अवसर मिला। हमारी टीम ने वहां पर्यटन के लिहाज से बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए भी काम किया था।
धोलावीरा गुजरात के कच्छ जिले के भचाऊ में स्थित है। यहां सिंधु घाटी सभ्यता के कई खंडहर हैं. कहा जाता है कि करीब 3500 ईसा पूर्व ही यहां लोग बसने लगे थे और करीब 1800 ईसा पूर्व तक यह शहर मौजूद था। धोलावीरा के बारे में कहा जाता है कि यह हड़प्पा काल का प्रमुख महानगर था। हड़प्पा काल के इस शहर में उस ज़माने की लिपि में लिखे गए कुछ अवशेष भी मौजूद हैं। हालांकि अभी तक इन लिपि को कोई पढ़ नहीं पाया है। (पीटीआई इनपुट्स के साथ)