लोकसभा चुनाव 2019 से पहले केंद्र की मोदी सरकार बड़े स्तर पर रोजगार मुहैया कराने की तैयारी में है। लगभग 10 लाख ग्रेजुएट छात्रों को विशेष प्रोग्राम के जरिए नौकरी लायक बनाया जाएगा। इकोनॉमिक्स टाइम्स के मुताबिक मानविकी और गैर-साइंस स्ट्रीम के छात्रों को जॉब मुहैया कराने के लिए उनकी स्पेशल ट्रेनिंग कराई जाएगी। इसके लिए मानव संसाधन, श्रम और कौशल विकास मंत्रालय साथ मिलकर काम करने वाले हैं। प्रोग्राम के तहत सभी सरकारी और गैर-सरकारी शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को रोजगार के नजरिए से ‘अप्रेंटिसशिप’ दिलाई जाएगी।

छात्रों की अप्रेंटिसशिप और जॉब ट्रेनिंग उनके डिग्री प्रोग्राम के आखिरी साल में कराई जाएगी। संबंधित क्षेत्र का काम सीखने के 6 से 10 महीने के दौरान उन्हें स्टाइपेंड (मानदेय) भी दिया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि नॉन-टेक्निकल स्टूडेंट्स की कौशल क्षमता को बढ़ाकर इंस्ट्रीज और कॉरपोरेट क्षेत्र में रोजगार दिलाया जाए। छात्रों को इस योग्य बनाने में सरकार के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियां भी भागीदार होंगी। माना जा रहा है कि यह प्रोग्राम कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। इसके लिए 2019-20 में पास-आउट होने वाले ग्रेजुएट छात्रों को चिन्हित किया जाएगा।

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोमोशन स्कीम के तहत 10,000 करोड़ का फंड सुरक्षित है। सरकार छात्रों को मिलने वाले स्टाइपेंड का 25 फीसदी हिस्सा अपनी तरफ से देगी। हर छात्र को ट्रोनिंग के दौरान 15,00 रुपये तक का मानदेय दिया जाएगा। इसके सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानो को ‘नेशनल करियर सर्विस पोर्टल’ से जोड़ा जाएगा। यह पोर्टल कौशल विकास मंत्रालय की वेबसाइट से जुड़ा रहेगा। इसके छात्रों के क्वालिफिकेशन से लेकर उनकी अप्रेंटिसशिप और जॉब की पूरी डिटेल रहेगी।