कोरोना काल ने रावण की लंका के आकार से लेकर रावण तक का कद छोटा कर दिया है। सख्त प्रावधान की वजह से दिल्ली की बड़ी रामलीला पहले ही अपने आयोजन रद्द कर चुकी हंै, लेकिन छोटी रामलीलाएं रस्म अदायगी ही कर रही हैं। शनिवार को रामलीला में लंका दहन का ऐसा ही नजारा था और रविवार को रावण दहन में भी इसका असर नजर आएगा।
सरकारी प्रावधान के तहत दिल्ली में किसी भी आयोजन में केवल 200 लोग ही जुट सकते हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ये प्रावधान किए हैं। इन सख्त प्रावधान की वजह से आयोजकों ने अपने आयोजनों की संख्या भी घटाई है। आरकेपुरम रामलीला धार्मिक सोसायटी के आयोजक अनिल शर्मा ने बताया कि नए प्रावधान की वजह से आयोजन 22 अक्तूबर को शुरू किया गया था और 24 को लंका दहन बहुत ही सादे अंदाज में और लाइट साउंड शो से इसे पूरा किया गया। ऐसा ही आयोजन रविवार को भी होगा जिसमें इसी प्रकार रावण, कुंभकरण व मेघनाथ का वध होगा।
इसकी मदद से कोरोना की भीड़ व प्रदूषण दोनों नियंत्रित किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि सोसायटी अधिक भीड़ संभालने की स्थिति में नहीं है। इसलिए यह आयोजन केवल पुरानी परंपराओं का पालन करने के लिए हो रहा है। दिल्ली धार्मिक संघ के महासचिव अशोक गोयल देवराहा ने बताया कि रविवार को केशव रामलीला में तीन घंटे की संपूर्ण रामलीला का आयोजन होगा। यह आयोजन तय प्रावधान के तहत होगा।
65 से 40 फुट कर दी रावण की ऊंचाई : सीबीडी ग्राउंड कड़कड़डूमा में इस बार रावण की ऊंचाई को कम किया गया है। श्री बाला जी रामलीला के आयोजक सतीश अग्रवाल बताते हंै कि अब तक मैदान में 65 फुट तक का रावण व अन्य पुतले जलाए जाते थे। लेकिन इस बार केवल 40 फुट का ही रावण होगा।
कोरोना काल व प्रदूषण को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस बार मैदान में 6-6 फुट की दूरी पर कुर्सियां लगाई हैं। मैदान में आने के लिए मास्क जरूरी है और वहां सेनेटाइजर का भी प्रयोग किया हया है। ऐसे लोग जो बिना मास्क होंगे, उनके लिए मास्क कमेटी की तरफ से भी उपलब्ध कराए जाएंगे।