संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने वरिष्ठ पत्रकार राणा अय्यूब को जान से मारने की मिलीं धमकियों का संज्ञान लिया है। यूएन ने नरेंद्र मोदी सरकार से अविलंब महिला पत्रकार की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। यूएन ने इसको लेकर गंभीर चिंता जताई है। दरअसल, 20 अप्रैल को राणा अय्यूब के नाम से एक फर्जी ट्वीट सामने आया था, जिसमें उनके द्वारा कथित तौर पर नाबालिग दुष्कर्मियों का समर्थन करने की बात कही गई थी। इस ट्वीट में इस बात का भी उल्लेख था कि भारत में अब मुस्लिम समुदाय सुरक्षित नहीं रहा। इसके बाद वरिष्ठ पत्रकार को धमकी मिलने का सिलसिला शुरू हो गया था। उन्हें टि्वटर पर हमला करने के साथ ही सामूहिक दुष्कर्म करने जैसी धमकियां मिलने लगी थीं। इतना ही नहीं, राणा अय्यूब का मोबाइल नंबर और घर का पता भी सोशल साइट पर पोस्ट कर दिया गया था। उनके खिलाफ घृणा भरे मैसेज किए जाने लगे। राणा अय्यूब ने कहा कि वह काफी लंबे समय से ट्रोलर्स के निशाने पर हैं।

जताई गंभीर चिंता: यूएन के मानवाधिकार मामलों के विशेषज्ञों ने राणा अय्यूब को जान से मारने और गैंगरेप की मिल रही धमकियों पर गंभीर चिंता जताई है। संस्था ने इस बाबत एक बयान भी जारी किया। इसके अलावा पिछले साल वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या की घटना का भी जिक्र किया गया है। यूएन मानवाधिकार परिषद ने विशेष प्रक्रिया (स्पेशप प्रासीजर्स) के तहत यह बयान जारी किया है। बता दें कि यह स्वतंत्र मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का सबसे बड़ा पैनल है। यह संस्था विशेष मामलों पर नजर रखने के अलावा खास देशों में मानवाधिकार की स्थिति की भी निगरानी करती है। यूएन के विशेषज्ञों ने राणा अय्यूब द्वारा इस बाबत पुलिस में शिकायत देने के बावजूद पूरी सुरक्षा मुहैया न कराए जाने पर भी चिंता जताई है। विशेषज्ञों ने कहा कि वे भारत से अनुरोध करते हैं कि वह इस दिशा में त्वरित कदम उठाए और मामले की उचित तरीके से जांच कराई जाए। जान से मारने की धमकी मिलने वालों की जान की रक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। बता दें कि पिछले साल गौरी लंकेश की हत्या के बाद पत्रकारों की रक्षा सुनश्चित करने की मांग जोरों से उठी थी।