उड़ता पंजाब में सेंसर बोर्ड द्वारा कट लगाए जाने के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड(सीबीएफसी) को दो दिन में फिल्म को नया सर्टिफिकेट देने को कहा है। कोर्ट ने साथ ही सेंसर बोर्ड के फिल्म पर रोक लगाने की अपील भी खारिज कर दी। कोर्ट ने सेंसर बोर्ड की ओर से लगाए गए कट में से भी केवल एक को बरकरार रखा बाकी सभी को हटाने को कहा है। कोर्ट नेे नौ नंबर के कट(टॉमी सिंह के जनता के सामने पेशाब करने) को सही बताया। इसके अलावा पंजाब को बंजर बताने, इंजेक्शन से ड्रग्स लेने, एमपी, एमएलए का नाम लेने के सीन को काटने से इनकार कर दिया।
इससे पहले कोर्ट ने कहा कि फिल्म देश की एकता और अखंडता पर सवाल नहीं उठाती। कोर्ट ने कहा, ”हमने यह जांचने के लिए कि क्या फिल्म ड्रग्स को बढ़ावा देती है पूरी स्क्रिप्ट पढ़ी है। फिल्म शहरों के नाम, राज्यों और साइनपोस्ट के जरिए भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देती हो ऐसा कहीं नहीं दिखा। हर किसी के लिए इसमें दखल देना जरूरी नहीं है।” बता दें कि सेंसर बोर्ड की ओर से कट लगाने के सुझाव पर उड़ता पंजाब के निर्माताओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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रविवार को सेंसर बोर्ड ने फिल्म को ए श्रेणी के तहत 13 कट के साथ पास कर दिया। पहलाज निहलानी ने बताया, ”हमने उड़ता पंजाब को 13 कट के बाद ए कैटेगरी के तहत पास कर दिया है।” बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को माना कि कोई भी एक फिल्मकार को नहीं बता सकता कि फिल्म कैसे बनाते हैं। कोर्ट ने कहा, ”सीबीएफसी के पास सेंसर करने का अधिकार नहीं है। जब तक कि रचनात्मक आजादी का हनन न हो कोई दखल नहीं दे सकता।”
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हाईकोर्ट ने साथ ही माना कि द्विअर्थी बातों को प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए। फिल्ममेकर्स ने पंजाब में ड्रग की समस्या को दिखाने का फैसला किया है। फिल्म किसी वास्तविक घटना से प्रेरित नहीं है। बता दें कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म के नाम से पंजाब को निकालने को भी कहा था। साथ ही फिल्म के कई दृश्यों पर भी कैंची चलाने की बात कही थी।
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