लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद नवेद याकूब की कथित रूप से मदद करने के आरोप में कम से कम दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है जबकि तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में बुधवार को आतंकवादियों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के काफिले पर हमला किया था। इसके बाद भागने की कोशिश कर रहे नवेद ने कुछ वीडीसी (विलेज डिफेंस कमेटी) सदस्यों सहित पांच लोगों को बंधक बना लिया पर बंधकों ने हिम्मत दिखाते हुए उल्टे इस आतंकवादी को ही दबोच लिया। इस हमले में बीएसएफ के दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे।

गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजंसियां नवेद से पूछताछ कर रही हैं। पाकिस्तान के फैसलाबाद निवासी 23 वर्षीय नवेद से पूछताछ के दौरान मिली सूचनाओं के आधार पर एजंसियां करीब एक दर्जन लोगों के बारे में तहकीकात कर रही हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पहला व्यक्ति एक ट्रक ड्राइवर है जो आतंकवादियों को कुलगाम से उधमपुर के समरोली तक लाया था। दूसरा व्यक्ति पुलवामा में एक बेकरी का मालिक है। वह कथित रूप से लश्कर ए तैयबा का सक्रिय कार्यकर्ता है।

सूत्रों ने बताया कि तीन अन्य लोगों से कड़ी सुरक्षा वाले पूछताछ केंद्रों में पूछताछ की जा रही है और उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों पर मामले की जांच कर रही एनआइए ने महानिरीक्षक एसके सिंह के नेतृत्व में एक टीम को श्रीनगर में रखा है।

नवेद और उसके साथी के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र कानून और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। नवेद के साथी की पहचान नोमान उर्फ मोमिन के रूप में हुई है, जो हमले के दौरान बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारा गया था। नवेद को शुक्रवार देर रात श्रीनगर लाया गया। खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर नहीं उड़ पाने की वजह से उसे सड़क मार्ग से यहां लाया गया।

सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के दौरान नवेद ने जिन स्थानों का जिक्र किया है, उसे उन सभी जगहों पर ले जाया जा रहा है। उसने और नोमान ने बुधवार को बीएसएफ के एक काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें दो कांस्टेबल शहीद हो गए थे।

आतंकवादी समूह लश्कर ए तैयबा के दो अलग-अलग मॉड्यूल में प्रशिक्षण लेने के बाद नवेद तीन अन्य लोगों के साथ उत्तरी कश्मीर में बारामुला के रास्ते भारत में घुसा था। सीमा पर लगे बाड़े को काट कर वे अंदर आए थे। पूछताछ के दौरान नवेद ने बताया कि वह तंगमार्ग और बाबा रेशी में रहा था। उसके बाद वह दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा-पुलवामा आ गया और पहाड़ों में स्थित एक गुफा में रहा।