यूनिफॉर्म सिविल कोड पर पूरे देश में चर्चाएं जोरों पर है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवसेना यूबीटी संसद में यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन कर सकती है। इससे पहले आम आदमी पार्टी की भी UCC के समर्थन में आ चुकी है। अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट इंडिया टुडे पर छपी एक रिपोर्ट में संजय राउत के हवाले से बताया गया कि पार्टी की हमेशा UCC को समर्थन की सोच रही है लेकिन अंतिम निर्णय ड्राफ्ट तैयार होने के बाद किया जाएगा। सरकार से जुड़े सूत्रों की मानें से आगामी मानसून सत्र में सरकार यूसीसी पर बिल संसद में ला सकती है।

इससे पहले बुधवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्यों से उद्धव ठकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने UCC का समर्थन किया लेकिन विभिन्न समुदायों पर कानून के संभावित प्रभाव पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी आगाह किया कि मोदी सरकार के इस कदम का उद्देश्य देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना है। उन्होंने MPLB से आग्रह किया कि वे इन हथकंडों के आगे न झुकें और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए काम करें।

आपको बता दें कि बुधवार को MPLB के एक प्रतिनिधिमंडल ने मौलाना महमूद दरियाबादी और डॉ. जहीर काजी के नेतृत्व में शिवसेना भवन में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। इस मीटिंग में सांसद अरविंद सावंत, सांसद विनायक राउत और अन्य नेता मौजूद थे।

मुस्लिम नेताओं ने क्या कहा

इस मीटिंग के बाद मौलाना महमूद दरियाबादी ने मीडिया से बातचीत में कहा हमने उन्हें UCC से हमारी चिंताओं के बारे में बताया। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी हमारी समस्याओं के बारे में विचार करेगी। यह सिर्फ मुस्लिम समुदाय से जुड़ा विषय नहीं है- सवाल है कि यूसीसी के लागू होने के बाद देश में विभिन्न पर्सनल कानूनों का क्या होगा।

नाम न छापने की शर्त पर एक शिवसेना यूबीटी नेता ने बताया कि शिवसेना बाला साहेब के समय से ही UCC के समर्थन में रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि UCC पर चर्चा शुरू करने में मोदी सरकार की नीयत सही नहीं है। शिवसेना यूबीटी के नेता आनंद दुबे ने कहा कि जब भी बिल पेश किया जाएगा, पार्टी इसका समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि यह पार्टी के सीनियर नेता तय करेंगे कि वे अन्य साथी दलों के साथ तालमेल कैसे बिठाएंगे।