देश का सियासी पारा गर्मा देने वाले 3600 करोड़ के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में नया मोड़ आ गया है। यूएई की अदालत ने मंगलवार (18 सितंबर) को मामले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन माइकल के प्रत्यर्पण का आदेश ​दे दिया है। यूएई की अदालत ने ये आदेश केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रत्यर्पण की अपील पर दिया है। ये दोनों ही जांच एजेंसियां 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद में अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में डील को मोड़ने के लिए हुए कथित तौर पर हुए रिश्वत के लेनदेन की जांच कर रही हैं।

सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा,” आदेश आ चुका है। ये अरबी भाषा में है। लेकिन ऐसा लगता है कि प्रत्यर्पण का आदेश हो चुका है।” सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने यूएई से ये अनुरोध पिछले साल किया था, जब माइकल क्रिश्चियन वहां रह रहा था। माइकल के पास अब ये अपील करने का विकल्प है कि उसे तुरंत प्रत्यर्पित न किया जाए।

माइकल को यूएई के अधिकारियों ने पिछले साल भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद गिरफ्तार किया था। उसे सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में 45 दिनों तक हिरासत में भी रखा था। जब माइकल क्रिश्चियन ने अपने वकील के जरिए ये सनसनीखेज दावा किया था कि उस पर इस घोटाले में गांधी परिवार के सदस्यों का नाम लेने का दबाव डाला जा रहा है। हालांकि सीबीआई ने ऐसे किसी भी आरोप से इंकार किया है। सीबीआई और ईडी के मुताबिक, माइकल क्रिश्चियन अगस्ता वेस्टलैंड मामले में मुख्य आरोपी है। माइकल ही वह बिचौलिया था जिसने वीवीआईपी हेलिकॉप्टर डील को अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में करने के लिए कथित तौर पर नौकरशाहों, राजनेताओं से संपर्क किया था।

ईडी ने इस मामले में साल 2017 में बतौर अभियोजन पक्ष अपील दाखिल की थी। ईडी का आरोप था कि माइकल ने कई लोगों को नकद पैसे दिए हैं। जून में, ईडी ने दिल्ली की विशेष अदालत को बताया कि माइकल ने कथित तौर पर रिश्वत के करीब 3 करोड़ रुपये स्वीकार किए। इसके बाद उसने कई लोगों को अपने ड्राइवर के जरिए नगदी के पैकेट भेजे और डील के दौरान अलग-अलग भारतीय लोगों से मुलाकात करता रहा। इन लोगों में कथित तौर पर पूर्व वायु सेना प्रमुख एसपी त्यागी के चचेरे भाई भी शामिल हैं।