1995 में अमिताभ बच्‍चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ABCL) के लॉन्‍च से दो साल पहले सुपर स्‍टार अमिताभ बच्‍चन को चार शिपिंग कंपनियों में डायरेक्‍टर बनाया गया था। इंडियन एक्‍सप्रेस ने जब इंटरनेशनल लॉ फर्म Mossack Fonseca के रिकॉर्ड को खंगाला तो पता चला कि ये चारों कंपनियां टैक्स हैवन (ऐसे देश जहां काला धन छुपाया जाता है) में रजिस्‍टर्ड की गईं। इनमें एक ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड और बाकी तीन बहामाज में नवंबर 1993 में रजिस्‍टर की गई थीं।

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इन चारों कंपनियों के नाम हैं- सी बल्‍क शिपिंग कंपनी लिमिटेड (ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड), लेडी शिपिंग लिमिटेड, ट्रेजर शिपिंग लिमिटेड और ट्रैंप शिपिंग लिमिटेड (बहामाज)। हालांकि, इन कंपनियों के टर्नओवर 5000 से 50,000 डॉलर दिखाया गया, लेकिन ये करोड़ों डॉलर के जहाजों के ट्रेड में डील किया करती थीं।

अमिताभ बच्‍चन इन चारों कंपनियों में मैनेजिंग डायरेक्‍टर भी थे, जबकि बाकी डायरेक्‍टर फर्म के रिप्रेंजेटेटिव्‍स थे, जो कि कॉर्पोरेट और फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइड कराते थे। ये चारों कंपनियां उमेश सहाय और डेविड माइकल पेट ने स्‍थापित कीं।

इस संबंध में अमिताभ बच्‍चन से कई बार पूछा गया, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। उनके मोबाइल पर कॉल्‍स किए गए, ई-मेल के जरिए भी जवाब मांगा गया, एबी कॉर्पोरेशन के ऑफिस और मुंबई स्थित अमिताभ के घर पर भी कॉल्‍स किए गए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया। हालांकि, एबी कॉर्प ने 28 मार्च को इंडियन एक्‍सप्रेस के ई-मेल मिलने की पुष्टि जरूर की।

ट्रैंप शिपिंग बोर्ड के डायरेक्‍टर पद से अमिताभ बच्‍चन ने 1997 में दे दिया था इस्‍तीफा। ये है त्‍याग पत्र की कॉपी

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