लीबिया में आईएसआईएस के कब्जे वाले सिर्त शहर से करीब एक साल पहले बंधक बनाए गए दो भारतीयों को छुड़ा लिया गया है। विदेश मंत्री सषमा स्वराज ने गुरुवार को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। सुषमा ने ट्वीट किया कि मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि टी गोपालकृष्णा (आंध्र प्रदेश) और सी बलरामकिशन (तेलंगाना) जिन्हें 29 जुलाई, 2015 से लीबिया में बंधक बनाकर रखा गया था को छुड़ा लिया गया है। लीबिया की सिर्त यूनिवर्सिटी में शिक्षण कार्य कर रहे दोनों भारतीयों का इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने पिछले साल जुलाई में अपहरण कर लिया था।
गौरतलब है कि जुलाई 2015 में लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी के गृहनगर सिर्त में चार भरतीयों को बंधक बना लिया गया था। इनमें से कर्नाटक के रायचूर निवासी लक्ष्मीकांत और बेंगलुरु निवासी विजय कुमार को बंधक बनाए जाने के दो दिन बाद ही छोड़ दिया गया था लेकिन, अन्य दो भारतीयों को नहीं छोड़ा गया था। मई 2015 में लीबिया के सिर्त शहर पर आईएसआईएस ने कब्जा कर लिया था। इस दौरान सिर्त विश्वविद्यालय में कार्यरत टी गोपालकृष्णा, सी बलरामकिशन, लक्ष्मीकांत और विजय कुमार को भी इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने बंधक बना लिया था। यह विश्वविद्यालय इस साल फरवरी से ही बंद पड़ा है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी यह सोच रहे थे कि उपरोक्त चारो अपने पेमेंट के लिए सिर्त में रुक गए हैं लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें बंधक बना लिया गया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक युद्धरत लीबिया में फिलहाल 2000 के आस पास भारतीय रह रहे हैं। उन्हें लीबिया छोड़ने के लिए कहा जा चुका है लेकिन वे वहां रुके हुए हैं। लीबिया में रह रहे भारतीयों को वापस ले आने के जद्दोजहद में जुटे भारतीय मिशन के अधिकारियों को ट्यूनिशिया में रुकना पड़ा है और इस वजह से उन्हें लीबिया में रह रहे भारतीयों को चिन्हित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय इस साल जुलाई से ही लीबिया में फंसे भारतीयों के परिवार वालों के साथ संपर्क में है और उनको वापस भारत लाने के लिए प्रयासरत है।
I am happy to inform that T Gopalakrishna (AP) & C BalaramKishan (Telangana) who were captive in Libya since 29 July 2015 have been rescued.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) September 15, 2016
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