देश में कई बार नेताओं और अधिकारियों से वीआईपी कल्चर को ख़त्म करने की अपील की गई है। लेकिन इस अपील का कोई खास असर नेताओं और अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में गृह मंत्री के काफिले को रास्ता देने के लिए दो एंबुलेंसों को रोक दिया गया। वीआईपी काफिले की वजह से एंबुलेंस को रोकने का वीडियो सामने आने पर लोगों ने हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस को आड़े हाथों लिया।  

हैदराबाद के मसब टैंक इलाके से राज्य के गृह मंत्री महमूद अली गुजरने वाले थे। जिसकी वजह से पुलिस ने काफी देर तक उस सड़क के ट्रैफिक को रोक दिया। इस जाम में दो एंबुलेंस भी फंस गई। एंबुलेंस महावीर अस्पताल से विरिंची अस्पताल जा रही थी। एंबुलेंस को काफी देर तक रोके जाने के बाद उसमें मौजूद स्वास्थ्य कर्मी ने ट्रैफिक पुलिसकर्मियों से उन्हें जाने देने की अपील की। लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उनकी मांग को अनसुना कर दिया।

इसको लेकर एंबुलेंस में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों और ट्रैफिक पुलिस के जवान के बीच बकझक भी हो गई। वीआईपी काफिले की वजह से एंबुलेंस को रोकने का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो के अनुसार हैदराबाद के मसब टैंक इलाके में वाहनों की लंबी कतार में दो एंबुलेंस फंस गए। काफी देर तक एंबुलेंस के फंसे रहने के बाद दो स्वास्थ्य कर्मी वहां मौजूद ट्रैफिक पुलिसकर्मी के पास रास्ता खाली कराने के लिए कहने गए। लेकिन पुलिसकर्मी ने उन्हें थोड़े देर इंतजार करने के लिए कह दिया। 

 

इस दौरान जब एक शख्स ने उस पुलिसकर्मी से पूछा कि एक मंत्री के काफिले के इंतजार में एंबुलेंस को क्यों रोक दिया गया तो इसके जवाब में पुलिसकर्मी ने कहा कि वह नहीं जानता है कि यह किसका काफिला है। हालांकि वीआईपी के जाने के बाद एंबुलेंस में मौजूद स्वास्थ्यकर्मी  ट्रैफिक को क्लियर करके एंबुलेंस को अस्पताल की तरफ ले गए। इस वीडियो के वायरल होने के बाद हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस की चौतरफा आलोचना हो रही है।

वहीं इस मामले में हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने अपना बयान जारी किया है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि  दो एंबुलेंस एक ही सिग्नल पर रुकी थीं और उनमें से केवल एक एंबुलेंस ही मरीज को ले जा रही थी। साथ ही पुलिस ने कहा कि जैसे ही एंबुलेंस के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचित किया तो ट्रैफिक को हटा दिया गया और एंबुलेंस को जाने का रास्ता दे दिया गया।