नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हज सब्सिडी खत्म करने के बाद जहां कुछ लोगों में गुस्सा है, वहीं कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं। लोग इसे मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए चलाया जा रहा खेल कह रहे हैं। टीवी चैनलों पर अभी भी इस पर बहस जारी है। इसी तरह की बहस ‘हिन्दी खबर’ पर हुई जिसमें शो के होस्ट और एंकर अतुल अग्रवाल ने मुसलमानों से अल्पसंख्यक का दर्जा छीन लेने की वकालत की। दरअसल, ‘जो कहूंगा, सच कहूंगा’ नाम के शो में एंकर अतुल अग्रवाल और यूपी कांग्रेस नेता जीशान हैदर के बीच मुस्लिम अधिकारों पर बहस हो रही थी, इस पर एंकर ने कहा, “मैं एक और बोल्ड बयान देने जा रहा हूं। मुसलमानों से अल्पसंख्यक का दर्जा छीन लेना चाहिए क्योंकि वो अल्पसंख्यक हैं ही नहीं। हिन्दुओं के बाद देश में सबसे बड़ी आबादी मुसलमानों की है। वो अल्पसंख्यक कैसे हो सकते हैं?”
अतुल अग्रवाल ने कहा कि देश की 30 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। लिहाजा, 30 फीसदी आबादी वाली कौम अल्पसंख्यक कैसे है? अग्रवाल ने कहा कि यह बात सही है कि किसी भी देश में किसी भी कौम की आबादी 25 से 30 फीसदी से ज्यादा हो जाय तो उसे अल्पसंख्यक कैटगरी से हट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अलावा अल्पसंख्यक आयोग इस पर पहले भी चर्चा कर चुकी है मगर निर्णय नहीं लिया जा सका है। अब मामला कोर्ट में है। बता दें कि बीजेपी के नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने इस मसले को कोर्ट में चुनौती दी है कि 30 फीसदी आबादी वाले मुसलमानों से अलपसंख्यक का दर्जा छीन लिया जाना चाहिए। कोर्ट में फिलहाल यह मामला लंबित है।
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गौरतलब है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार (16 जनवरी) को इसका एलान किया था कि इस साल से केंद्र सरकार हज पर सब्सिडी नहीं देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार हर साल हज यात्रा पर सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपए खर्च करती थी। हर साल लाखों लग हज करने जाते हैं। इस साल भी करीब 1.75 लाख लोग हज यात्रा पर जाएंगे, लेकिन सभी यात्री अब बिना सब्सिडी के ही हज करेंगे। बता दें कि साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि हज सब्सिडी को साल 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाना चाहिए।
