असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को पत्र लिखकर एक मामले की जांच करने को कहा है। असम राइफल्स ने कहा कि काकचिंग जिले में कई ट्रकों पर अर्धसैनिक बल के वाहनों के रंग की तरह पेंट किया गया है। इस पर असम राइफल्स का प्रतीक चिह्न भी लगाया गया है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
अर्धसैनिक बलों ने चुराचांदपुर के पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में दावा किया कि कुछ लोगों ने घाटी स्थित उग्रवादी समूहों की मदद से बाजार से कई ट्रक खरीदे और उन्हें असम राइफल्स के वाहनों के रंग से पेंट किया और उसका प्रतीक चिह्न लगाया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि ये ट्रक अर्धसैनिक बल के वाहनों की तरह दिखे।
पत्र में कहा गया है, “वाहनों में बदलाव कर उन्हें असम राइफल्स के वाहनों की तरह बनाना स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उग्रवादी असम राइफल्स की छवि को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए इनका उपयोग करने की नापाक मंशा है।” अर्धसैनिक बल ने चुराचांदपुर पुलिस से काकचिंग जिले के पुलिस अधीक्षक और उच्च अधिकारियों को भी इसकी सूचना देने को कहा ताकि किसी भी प्रकार की प्रतिकूल घटना को रोकने के लिए एहतियातन कार्रवाई की जा सके।
मणिपुर में चार महीने से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है। अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। हिंसा की घटनाओं में अब तक 175 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों अन्य लोग घायल हुए हैं।
मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं नगा और कुकी आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत से अधिक है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
सेना के जवान की हत्या
बता दें कि एक हफ्ते पहले मणिपुर में एक सेना के जवान की हत्या कर दी गई थी। मणिपुर के एक गांव में सेना के एक जवान को उसके घर से पहले अपहरण किया गया और उसके बाद हत्या कर दी गई। सेना में कार्यरत सर्टो थांगथांग कोम छुट्टी पर थे। उन्हें पिछले शनिवार को इंफाल पश्चिम जिले में उनके घर से अपहरण कर लिया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई।