Triple Talaq Bill: तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्यसभा से पास हो गया। इसके साथ ही राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही यह बिल कानून की शक्ल ले लेगा। तीन तलाक बिल के पास होने पर उन मुस्लिम महिलाओं ने इस पर खुशी का इजहार किया है, जिन्होंने इसके लिए संघर्ष किया था।
शायरा बानोः उत्तराखंड के काशीपुर में रहने वाली शायरा बानो (38 वर्षीय) तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाली पहली महिला हैं। शायरा बानो को उनके पति ने साल 2015 में तीन तलाक दे दिया था और वह अभी भी गुजारे भत्ते के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ रही हैं। तीन तलाक बिल के राज्यसभा से पास होने पर खुशी जताते हुए शायरा बानो ने कहा कि ‘यह ना सिर्फ मेरे लिए बल्कि पूरे मुस्लिम समाज के लिए खुशी के पल हैं। हम एक बुरी परंपरा से आजाद हो गए हैं।
शायरा बानो ने आगे कहा कि महिलाओं की कई पीढ़ियां तीन तलाक से पीड़ित रही हैं। उन्हें रातों-रात उनके घर से निकाल दिया गया और नारकीय जीवन जीने को मजबूर किया गया। सभी लोग पुरुषों के लिए ही चिंतित क्यों हैं, महिलाओं की चिंता किसी को क्यों नहीं है?’ शायरा बानो ने कहा कि ‘तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोगों में इसे लेकर कोई डर नहीं था। इस कानून से लोगों में डर आएगा।’
जाकिया सोमनः भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (BMMA) की सदस्य और वकील तीन तलाक प्रथा की विरोधी रही हैं। शाहबानो मामले में डाली गई BMMA की याचिका को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ ने जनहित याचिका में बदल दिया था। तीन तलाक बिल के राज्यसभा से पास होने पर जाकिया सोमन ने कहा कि “इसका लंबे समय से इंतजार था। यह थोड़ी देर से आया, लेकिन इसका स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में भी सुधार किए जाने चाहिए, लेकिन फिलहाल इस एक कदम का स्वागत होना चाहिए।”
इशरत जहां: तीन तलाक मामले में एक अन्य याचिकाकर्ता इशरत जहां का कहना है कि “यह एक शानदार खबर है…मेरा जीवन बर्बाद हो गया है, लेकिन अब इससे किसी ओर महिला का जीवन बर्बाद नहीं होगा। अब किसी को भी उन मुश्किल हालात से नहीं गुजरना होगा, जो मैंने देखे। अब कानून हमारे साथ है।” बता दें कि इशरत जहां जब 14 साल की थी, तभी साल 2001 में उनकी शादी कर दी गई थी। अप्रैल 2015 में इशरत के पति ने दुबई से फोन पर ही उसे तीन तलाक दे दिया था। इशरत के अनुसार, बाद में उनके पति ने दूसरी शादी कर ली। इशरत जहां के अनुसार, ‘इस कानून से हजारों महिलाओं को राहत मिलेगी। यह ऐतिहासिक है।’
गुलशन प्रवीनः गुलशन प्रवीन (33 वर्षीय) को उनके पति ने साल 2015 में तलाकनामा भेजकर तलाक दे दिया था। गुलशन प्रवीन के पति ने दूसरी शादी कर ली है, वहीं गुलशन अपने 5 साल के बेटे के साथ उत्तर प्रदेश से अब दिल्ली आ गई हैं। उसके बाद से ही उनका संघर्ष जारी है। गुलशन प्रवीन का कहना है कि मेरी जिन्दगी अभी भी वहीं है, जहां 5 साल पहले थी, जब मेरे पति ने मुझे घर छोड़ने को कहा था।
गुलशन प्रवीन का मानना है कि मुस्लिम महिलाओं के आत्मसम्मान के लिए कानून होना बहुत जरुरी है। उनके अनुसार, “सरकार ने अभी तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) के खिलाफ ही कानून बनाया है, लेकिन अभी भी पुरुष अपनी पत्नी को 3 महीने के बाद तलाक (तलाक ए एहसान) दे सकते हैं। ऐसे में ताकत अभी भी पुरुषों के पास ही है।”
आफरीन रहमानः जयपुर की रहने वाली आफरीन रहमान ने भी तीन तलाक के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। जनवरी, 2016 में आफरीन को उनके पति ने स्पीड पोस्ट से एक चिट्ठी भेजकर तीन तलाक दे दिया था। तीन तलाक बिल के राज्यसभा से पास होने पर आफरीन का कहना है कि “मैं आज बहुत खुश हूं..यह हमारे लिए ऐतिहासिक जीत है। जो हमारे साथ हुआ, हम उसे तो नहीं बदल सकते, लेकिन अब सदियों से चल रही यह प्रथा बंद होगी।”