Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने एक बड़े कायराना हमले को अंजाम दिया है जिसमें अब तक 28 पर्यटकों की मौत हो चुकी है। बुधवार दोपहर को हुए उस हमले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, लोगों की चीख-पुकार ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी टीआएफ नाम के आतंकी संगठन ने ली है जो इससे पहले भी टारगेट किलिंग को अंजाम दे चुका है। गैर कश्मीरी, मजदूर, सिख और हिंदुओं को सबसे ज्यादा यह संगठन निशाने पर लेता है।

जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग का दौर

पिछले साल 20 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के गंदेरबाल जिले में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में बडगाम के नयिदगाम के डॉक्टर शाहनवाज समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। पांच लोग गैर-स्थानीय थे जिनमें दो अधिकारी वर्ग के भी रहे। इसमें गुरमीत सिंह नाम के एक शख्स भी शामिल थे। इस हमले की जिम्ममेदारी टीआरएफ ने ली थी।

पहलगाम आतंकी हमले की LIVE UPDATES

TRF के हमलों का पैटर्न समझिए

पांच साल पहले 30 अक्टूबर 2020 को भी टीआरएफ ने ही अपने पहले बड़े हमले को अंजाम दिया था। उस हमले में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया। इसके बाद 26 फरवरी 2023 को टीआरएफ ने ही कश्मीरी पंडित शर्मा शर्मा को भी मौत के घाट उतार दिया था। पुलवामा के स्थानीय बाजार में उन पर गोली चलाई गई थी। अब टीराएफ को लेकर कहा जाता है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से इसकी जम्मू-कश्मीर में गतिविधि बढ़ी है। सबसे ज्यादा टारगेट किलिंग को इसी ने अंजाम भी दिया है, इसमें पुलिस अफसर से लेकर नेता तक शामिल रहे हैं। गैर-कश्मीरियों और कश्मीरी पंडितों को भी इसने नहीं बख्शा है।

TRF की कश्मीरी पंडितों को चिट्ठी

कुछ समय पहले इसी टीआरएफ ने कश्मीरी पंडितों को एक चिट्ठी लिख धमकी तक दी थी, कहा था कि वे घाटी छोड़ चले जाएं वरना उन्हें मारा जाएगा। ऐसे में टीआरएफ की यह मॉडस औपरेंडी बन चुकी है कि गैर कश्मीरियों पर हमला किया जाए, सेना के बजाय अल्पसंख्य समुदायों को कश्मीर में निशाने पर लिया जाए। वैसे पिछले दो सालों में टारगेट किलिंग ज्यादा देखने को मिली है, कई आतंकी संगठनों ने समय-समय पर इन वारदातों को अंजाम दिया है, नीचे दी गई टेबल से इसे समझा जा सकता है-

तारीखमौत
29 मई 20231
15 अक्टूबर 20221
अगस्त 2022:5
नवंबर 2022:2
2 साल में हुई टारगेट किलिंग के आंकड़े- निशाने पर हिंदू और गैर-कश्मीरी

टीआएफ का असर 2022 की एक वार्षिक रिपोर्ट से भी समझा जा सकता है। कश्मीर में 90 से ज्यादा ऑपरेशन हुए थे, 42 विदेशी नागरिक सहित 172 आतंकी हमारे गए। उन आतंकियों में 108 तो इस टीआएफ के ही थे। यहां भी जो 100 आतंकियों को भर्ती किया गया था, उनमें सबसे ज्यादा हायरिंग इस टीआएफ ने की थी।

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