अफगानिस्तान के हिंदूकुश क्षेत्र में सोमवार को तेज भूकम्प आया जिससे दिल्ली और जम्मू कश्मीर समेत उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में झटके महसूस किये गए। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार, अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर 6.2 तीव्रता का भूकम्प कर झटका दोपहर को करीब तीन बज कर 35 मिनट पर महसूस किया गया। भूकम्प के झटके नेपाल और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए। श्रीनगर और जम्मू कश्मीर के आसपास के इलाकों में भी भूकम्प के झटके महसूस किए गए।
एक और उच्च तीव्रता का भूकम्प आज सुबह करीब नौ बज कर 42 मिनट पर सोलोमन द्वीप पर आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.7 दर्ज की गई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कश्मीर घाटी में भी भूकम्प के तेज झटके महसूस किए गए हालांकि वहां किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। घाटी में दोपहर को तीन बज कर 37 मिनट पर झटके महसूस किए गए। पुलिस ने बताया कि अब तक किसी प्रकार की क्षति होने या किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। भूकम्प के कारण लोगों में दहशत फैल गई थी और वे अपने आवासीय या वाणिज्यिक भवनों से बाहर निकल आए थे।
पाक में भी भूकम्प: पाकिस्तान का कई हिस्सा सोमवार को 6.7 तीव्रता के भूकम्प से दहल उठा। ‘जीयो टीवी’ के मुताबिक भूकम्प का केंद्र अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के सीमाई क्षेत्र में 200 किलोमीटर की गहराई पर था।
इस्लामाबाद, फैसलाबाद, मियांवली, पेशावर और सरगोडाह सहित देश के विभिन्न हिस्से में भूकम्प महसूस किया गया। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी भूकम्प महसूस किया गया। किसी भी इलाके से अब तक जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली है।
नेपाल में हल्के झटके: नेपाल में सोमवार सुबह भूकम्प के हल्के झटके महसूस किए गए जिनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.9 मापी गई। भूकम्प के कारण लोग घबराहट में अपने घरों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकम्प केंद्र के अनुसार भूकम्प का केंद्र गोरखा में था। भूकम्प के केंद्र से 150 किलोमीटर पूर्व में स्थित काठमांडो में भी इसके झटके महसूस किए गए।
स्थानीय लोगों के अनुसार भूकम्प आने के कारण गोरखा जिले में लोग घबराहट में अपने घरों से बाहर निकल आए। नेपाल में 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकम्प के बाद से पिछले 100 दिनों में चार या इससे अधिक तीव्रता वाले भूकम्प बाद के कुल 375 झटके आए हैं। देश में 25 अप्रैल को आए भूकम्प में करीब 9000 लोगों की मौत हो गई थी।
