कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार ने मंत्रालय और सरकारी विभागों को खर्च पर अंकुश लगाने के आदेश दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय चाहता है कि विज्ञापन, प्रचार, ओवरटाइम भत्ता, रिवार्ड्स, घरेलू और विदेश यात्रा खर्च, मामूली रखरखाव का काम जैसे क्षेत्र में मंत्रालय और सरकारी विभाग 20% की कटौती करें।

इससे संबन्धित सुझावों की सूची मंत्रालयों और विभागों के सभी सचिवों और वित्तीय सलाहकारों को भेज दी गई है। जिसमें फिजूलखर्च को रोकने के लिए कदम उठाने और इसमें 20% की कमी करने को कहा गया। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि “कोविड -19 महामारी के रोकथाम से संबंधित व्यय को इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है।” जाहिर तौर पर ये आदेश कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए है।

यह दूसरा साल है जब मंत्रालय ने इस तरह के आदेश जारी किए हैं। पिछले साल सितंबर में गैर-विकास व्यय को कम करने के आदेश दिये थे और मंत्रालयों और विभागों में नए पदों के सृजन पर प्रतिबंध लगा दिया था।

11 जून को दिये गए ज्ञापन में कई चीजों में खर्च में कमी करने के लिए कहा गया है। मंत्रालय ने ओवरटाइम भत्ता, रिवार्ड्स, घरेलू यात्रा, विदेश यात्रा खर्च, ऑफिस खर्च, किराए, रेट्स और टैक्स, रॉयल्टी, प्रकाशन, अन्य प्रशासनिक खर्च, आपूर्ति और सामग्री, राशन की लागत, POL, वस्त्र और टेंटेज, विज्ञापन और प्रचार, लघु कार्य, रखरखाव, सेवा शुल्क, योगदान और अन्य शुल्क को कम करने को कहा है।

सरकार ने पहले आयातित कागज पर पुस्तकों और दस्तावेजों की छपाई पर खर्च पर प्रतिबंध लगा दिया था और विभागों से उनके द्वारा नियुक्त सलाहकारों की संख्या कम करने को कहा था।