Operation Sindoor: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को काफी हद तक परेशान कर दिया। भारत ने आंतकी ठिकानों को तबाह कर दिया। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के इंस्पेक्टर जनरल एमएल गर्ग (Rajasthan Frontier) ने इंडियन एक्सप्रेस से बात की है। उन्होंने कहा कि भारत ने किसी भी नागिरक या सैन्य ठिकाने को टारगेट नहीं किया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान क्या-क्या चैलेंज थे?
गर्ग ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पाकिस्तान ने हमारे बॉर्डर के पास के इलाकों में ड्रोन और मिसाइलें दागी। राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर और जैसलमेर में 413 ड्रोन भेजे गए। उन सभी को आसानी से रोक दिया गया। हम इस तरह के हालात के लिए पूरी तरह से तैयार थे।
ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने से पहले BSF ने क्या तैयारियां की थीं?
बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल और केंद्र सरकार ने हमें पहले ही तैयार रहने के लिए निर्देश दे दिए थे। बीएसएफ, आर्मी और एयर फोर्स ने पहले से ही एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाए गए थे। हम 7 मई की घटनाओं के बाद पूरी तरह से अलर्ट पर थे। हमारा ऑपरेशन सटीक था। भारत आतंकवाद का जवाब देने का अधिकार रखता है।
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बॉर्डर के पास वाले गांवों में स्लीपर सेल और जासूसी की खबरें मिली हैं?
गर्ग ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हां हमें जानकारी मिली है। बॉर्डर के पास वाले गांवों में भारतीय नागरिकों के द्वारा पाकिस्तान के लिए मुखबिर के तौर पर काम करने के मामले सामने आए हैं। मॉडर्न एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप के साथ, ऐसी गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल है। हालांकि, हम कम्युनिकेशन और व्यवहार पर बारीकी से नजर रखते हैं। हमारी सर्विलांस और इंटेलिजेंस की बदौलत इन लोगों की पहचान की जाती है और उन्हें पकड़ा जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ, आर्मी और स्थानीय पुलिस के बीच कैसा कोऑर्डिनेट था?
बीएसएफ ने इंटरनेशनल बॉर्डर से सिर्फ 150 मीटर की दूरी पर अग्रिम मोर्चे पर मोर्चा संभाला। सेना और एयरफोर्स के साथको ऑर्डिनेट बिल्कुल सही था। स्थानीय लोगों ने भी पूरा सहयोग दिया। यही भारत की खूबसूरती है, जब हमारे देश पर कोई खतरा होता है तो हम सब एकजुट हो जाते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कई गलत सूचनाएं फैलाईं गई?
पाकिस्तान ने शुरू में इस ऑपरेशन को कमतर आंकने की कोशिश की, लेकिन जब स्थिति उनके कंट्रोल से बाहर हो गई तो उसने गलत सूचना का सहारा लिया। कई सरकारी और सिविल वेबसाइटों पर साइबर हमले हुए। हालांकि, हमारा साइबर डिफेंस सिस्टम काफी मजबूत रहा। हमने घबराहट और गलत सूचना को रोकने के लिए आधिकारिक चैनलों के माध्यम से समय पर और सटीक कम्युनिकेशन तय किया। भारत ने पाकिस्तान को कब दी ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी?