राजधानी में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) की ओर से सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले प्रगति फिलहाल धीमी बनी हुई है। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और दिल्ली सौर ऊर्जा नीति के तहत किए जा रहे प्रयासों के बावजूद अभी तक तय लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है।

आंकड़ों के अनुसार, 15 दिसंबर 2025 तक टीपीडीडीएल ने उपभोक्ताओं की इमारतों की छतों पर कुल 7,178 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं। इन संयंत्रों से लगभग 125 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। कंपनी अब तक 85 गांवों तक ही सौर ऊर्जा की पहुंच बना पाई है, जबकि लक्ष्य 100 से अधिक गांवों तक पहुंचने का रखा गया था।

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टीपीडीडीएल के प्रवक्ता का कहना है कि भले ही कंपनी फिलहाल लक्ष्य से पीछे है, लेकिन आने वाले समय में जागरूकता अभियानों के माध्यम से सौर ऊर्जा को और बढ़ावा दिया जाएगा। कंपनी का दावा है कि जल्द ही लक्ष्य हासिल कर दिल्ली में स्वच्छ और हरित ऊर्जा के उपयोग को और मजबूत किया जाएगा।

टीपीडीडीएल के मुताबिक, छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कराने में घरेलू उपभोक्ता सबसे आगे हैं। कुल स्थापित संयंत्रों में से 5,364 घरेलू उपभोक्ताओं के हैं, जबकि वाणिज्यिक और औद्योगिक श्रेणी में 1,770 उपभोक्ताओं ने सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाए हैं। अन्य श्रेणियों में केवल 44 उपभोक्ताओं की छतों पर ही सौर संयंत्र लगाए गए हैं।

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सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता की बात करें तो वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं की छतों पर 68.47 मेगावाट, घरेलू उपभोक्ताओं की छतों पर 41.13 मेगावाट और अन्य श्रेणियों में 14.54 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इस तरह कुल मिलाकर करीब 125 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।

अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए टीपीडीडीएल ने पूठ खुर्द गांव से ‘सौर ऊर्जा सखी अभियान’ की शुरुआत की है। इसके तहत 100 प्रशिक्षित सौर ऊर्जा सखियों की टीम गठित की गई है, जो गांव-गांव जाकर पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और दिल्ली सौर ऊर्जा नीति के तहत छत पर सौर संयंत्र लगाने के लिए लोगों को जागरूक करेगी।