ओडिशा के कंधमाल जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए चार नक्सली विद्रोहियों में शीर्ष माओवादी गणेश उइके भी शामिल है। राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य उइके ओडिशा में प्रतिबंधित संगठन का प्रमुख था और उस पर 1.1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

उन्होंने बताया कि मुठभेड़ चाकापद पुलिस थाना क्षेत्र के एक जंगल में हुई। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “गोलीबारी में चार नक्सली मारे गए। उनमें से एक की पहचान 69 वर्षीय गणेश उइके के रूप में हुई है, जो अपने उपनामों पक्का हनुमंतु, राजेश तिवारी, चमरू और रूपा से भी जाना जाता था। वह तेलंगाना के नालगोंडा जिले के चेंदूर मंडल के पुल्लेमाला गांव का निवासी था।”

सुरक्षाबलों ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से गणेश की एके-47 राइफल बरामद की है। इस मुठभेड़ में गणेश के अलावा एक अन्य पुरुष माओवादी और दो महिला कैडर भी मारे गए हैं। मारे गए तीन अन्य माओवादियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। घटनास्थल से दो इंसास राइफलें भी जब्त की गई हैं।

परिवार से कभी नहीं रखा संपर्क

बीएससी ड्रॉपआउट गणेश बहुत कम उम्र में माओवादी आंदोलन से जुड़ गया था और उसने कभी भी नलगोंडा जिले के चंदूर मंडल के पुल्लेमला गांव में अपने परिवार से संपर्क नहीं रखा। 

पाका हनुमंतु उर्फ गणेश को तेलुगु राज्यों से बचे गिने-चुने वरिष्ठ माओवादी नेताओं में से एक माना जाता था, क्योंकि अधिकांश वरिष्ठ नेता या तो मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं या आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

एक अन्य वरिष्ठ तेलुगु माओवादी नेता थिप्पिरी तिरुपति उर्फ देवुजी, जो तेलंगाना का ही रहने वाला है और प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) का महासचिव है, अभी फरार है। उसे पकड़ने के लिए छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाया जा रहा है।

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