जम्मू-कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले को लेकर रविवार (17 फरवरी, 2019) को नई जानकारी सामने आई। ‘टीओआई’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीआरपीएफ के दस्ते पर फिदायीन हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल राशिद गाजी माना जा रहा है। वह पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर है। सुरक्षा एजेंसियों को उसके घाटी में छिपे होने की आशंका है।

ताजा इंटेलिजेंस इनपुट्स के हवाले से रिपोर्ट में आगे बताया गया कि गाजी को राशिद अफगानी के नाम से भी जाना जाता है। पुलवामा हमले से कुछ दिनों पहले हुए एक एनकाउंटर के दौरान वह बाल-बाल बच गया था, जबकि उस घटना में सुरक्षाबलों ने एक स्थानीय चरमपंथी को ढेर कर दिया था। हालांकि, उनके नापाक इरादों पर पानी फेरते हुए देश का एक जवान भी शहीद हो गया था।

बहरहाल, गाजी को इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) का एक्सपर्ट माना जाता है। कहा जा रहा है कि उसी ने पुलवामा के फिदायीन आतंकी आदिल अहमद डार को पूर्व में ट्रेनिंग दी थी। इससे पहले, तीन जनवरी को अंग्रेजी अखबार ने जैश के टॉप कमांडर के पुलवामा में छिपे होने से जुड़ी एक रिपोर्ट छापी थी। पुलवामा हमले के बाद सुरक्षा बलों ने उसकी धरपकड़ के लिए बड़ा अभियान चलाया है। एजेंसियों के अनुसार, गाजी को जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर के करीबियों में से माना जाता है।

गाजी को घाटी में तब भेजा गया था, जब सुरक्षाबलों ने मसूद अजहर के भतीजे उस्मान का काम तमाम कर दिया था। जैश की ओर से इसके बाद एक बयान जारी हुआ था, जिसमें उस्मान की मौत का बदला लिए जाने की बात थी। ऐसा माना जा रहा है कि मसूद अजहर ने गाजी और दो अन्य कमांडरों को बीते साल दिसंबर में घाटी भेजा था। वे नौ फरवरी (संसद हमलों का मास्टरमाइंड अफजल गुरु की बरसी पर) के आसपास किसी बड़े नापाक इरादे को अंजाम देने के मंसूबे से यहां भेजे गए थे।