प्रशांत महासागर में इन दिनों भरी हलचल मची हुई है। महासागर में स्थित टोंगा द्वीप के पास समुद्र के भीतर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद कई तरह की तबाही की आशंका जताई जा रही है। इन दिनों कुदरत के कहर को झेल रहा है टोंगा द्वीप आस्ट्रेलिया महाद्वीप में स्थित है। यहां समुद्र के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से समुद्र की लहरें इतनी विकराल हो गईं कि कई देशों ने सुनामी की चेतावनी जारी कर दी।
अंतरिक्ष से इस ज्वालामुखी विस्फोट का वीडियो बनाया। विस्फोट के बाद पानी में काफी ऊंचाई तक लहरें उठने लगीं। आनन-फानन में लीप को खाली करने के लिए आदेश जारी किया गया। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद ही लहरों ने प्रचंड रूप ले लिया। इससे कई देशों खासकर न्यूजीलैंड में सतर्कता आदेश जारी किया गया। हालांकि, एक दिन बाद 16 जनवरी को रिपोर्ट आई कि समुद्र के भीतर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद प्रशांत महासागर के आसपास सुनामी का खतरा रविवार को कम होना शुरू हो गया। लेकिन छोटे से द्वीपीय राष्ट्र टोंगा के ऊपर बड़े पैमाने पर राख के बादल छा गए।
टोंगा में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए न्यूजीलैंड से निगरानी उड़ानें भी नहीं भेजी जा सकीं। उपग्रह की तस्वीरों में शनिवार शाम को हुए भीषण विस्फोट के बाद प्रशांत महासागर के ऊपर राख, भाप और गैस की मोटी परत दिख रही थी। विस्फोट की आवाज अलास्का जितनी दूर तक सुनी जा सकती थी। टोंगा में समुद्र की भयानक लहरें तटों तक पहुंचने लगी और लोग जान बचाने के लिए जल्दबाजी में ऊंचे स्थानों पर जाने लगे।
ज्वालामुखी विस्फोट से टोंगा में इंटरनेट पूरी तरह ठप हो गया, जिससे दुनिया भर में लोग वहां अपने परिजनों, दोस्तों की खैरियत जानने के लिए बैचेन होने लगे। सरकार की वेबसाइट और अन्य माध्यमों पर भी रविवार दोपहर तक कोई अद्यतन जानकारी नहीं दी गई है। न्यूजीलैंड में खतरे को लेकर प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने कहा कि टोंगा में अभी तक किसी के घायल होने या मरने की कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है। साथ ही कहा कि अधिकारियों का अभी तक कुछ तटीय क्षेत्रों और छोटे द्वीपों से संपर्क नहीं हो पाया है। आर्डर्न ने कहा, ‘टोंगा के साथ संचार संपर्क बहुत सीमित है। मैं जानती हूं कि यहां टोंगा के लोग काफी चिंतित हैं।’ उन्होंने कहा कि टोंगा के तटवर्ती इलाकों में नावों और दुकानों को काफी नुकसान हुआ है।
टोंगा की राजधानी नुकुलोफा ज्वालामुखी विस्फोट से निकली राख से ढकी हुई थी। आर्डर्न ने कहा कि क्षेत्र का पानी भी दूषित हो गया है और सबसे ज्यादा साफ पेयजल की जरूरत है। राहत एजंसियों ने कहा कि राख और धुएं की मोटी परत के कारण अधिकारियों ने लोगों को मास्क पहनने और बोतलबंद पानी पीने के लिए कहा है। आर्डर्न ने कहा कि न्यूजीलैंड रविवार को टोंगा के ऊपर निगरानी उड़ान भेजने में असमर्थ रहा, क्योंकि राख का बादल 63,000 फुट (19,000 मीटर) तक छाया हुआ था। फिर से विमान भेजने के प्रयास किए जाएंगे। जहाजों और विमानों के जरिए जरूरी सामान पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
पामर, अलास्का में राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी केंद्र के सुनामी चेतावनी समन्वयक डेव स्राइडर ने कहा कि ज्वालामुखी विस्फोट से पूरे महासागर बेसिन को प्रभावित होना बहुत ही असामान्य था और यह बहुत खौफनाक दृश्य था। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद समुद्र में उठी भीषण लहरों ने न्यूजीलैंड और सांताक्रूज, कैलिफोर्निया तक नावों को नुकसान पहुंचाया।, लेकिन कोई व्यापक क्षति नहीं हुई। स्नाइडर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अमेरिका और अन्य जगहों पर सुनामी का खतरा कम होता जाएगा।
महाप्रलय जैसा विस्फोट
ज्वालामुखी विस्फोट को लेकर ‘यूएस जियोलाजिकल सर्वे’ ने अनुमान लगाया कि 5.8 तीव्रता के भूकंप के समान विस्फोट हुआ। वैज्ञानिकों ने कहा कि भूकंप के बजाय ज्वालामुखी से उत्पन्न सुनामी अपेक्षाकृत दुर्लभ है। जापान के प्रशांत तट से लगते दक्षिणी जापानी द्वीप अमामी-ओशिमा और समेत कई अन्य स्थानों पर रविवार को सुनामी देखी गई। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने शनिवार देर रात 12:15 बजे अमामी द्वीप समूह और कागोशिमा प्रांत में टोकारा द्वीप समूह के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की।
