ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था, 100 से ज्यादा दहशतगर्दों को मौत के घाट भी उतारा। इस कार्रवाई को लेकर एक सवाल सभी के मन में है- आखिर रात डेढ़ बजे ही क्यों ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया। अब इस सवाल का जवाब सीडीएस अनिल चौहान ने एक कार्यक्रम में दिया है।
उनका कहना है कि अगर हम सुबह साढ़े पांच या छह बजे अपना ऑपरेशन चलाते तो वो समय पहली अजान या नमाज का भी होता है। बहावलपुर और मुरिदके में उस समय कई नागरिक वहां मौजूद रहते, उन्हें नुकसान का खतरा था। इसलिए हमने रात डेढ़ बजे कार्रवाई को अंजाम दिया।
रात को कार्रवाई अंजाम देने के पीछे एक और कारण बताते हुए सीडीएस चौहान ने कहा है कि सेना को अपनी तकनीक पर पूरा भरोसा था। इस बात का अहसास था कि सैटेलाइट इमेज और दूसरी तकनीक के जरिए सटीक निशाना साधा जा सकता है। इस बारे में वे कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि कैसे रात में भी लंबी दूरी के टारगेट्स को सटीकता के साथ साधा जा सकता है। इस तकनीक की वजह से ना सिर्फ सैन्य खतरा कम हुआ बल्कि नागरिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो सकी।
वैसे कुछ दिन पहले ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पीएम मोदी ने भी अहम बयान दिया था, एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमारी बहनों-बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था। हमने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकी ठिकानों को उजाड़ दिया। हमारे वीर जवानों ने पलक झपकते ही पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। अभी कल ही देश और दुनिया ने देखा है, फिर एक पाकिस्तानी आतंकी ने रो-रो कर अपना हाल बताया है।
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