भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार किसानों पर मुकदमे लगाने की बड़ी साजिश कर रही है। उनका कहना था कि देश में बड़ं आंदोलन की जरूरत है। वो आंदोलन बेजोरगारी पर होया या महंगाई पर, ये बात भविष्य में पता चलेगी। उनका कहना था कि SKM (संयुक्त किसान मोर्चा) की लखीमपुर खीरी में होने वाली मीटिंग में सभी बातों पर मंथन किया जाएगा।
टिकैत ने कहा कि एमएसपी पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है। सरकार ने कमेटी के नाम मांगे हैं पर हमने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं। उन सवालों के जवाब मिलते ही हम एक हफ्ते के अंदर कमेटी के नाम बता देंगे। उनका कहना था कि किसान अपना हक लेकर रहेगा। फिर से आंदोलन की जरूरत पड़ी तो देश भर के किसान एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे।
लाउडस्पीकर विवाद पर किसान नेता ने कहा कि धार्मिक आधार पर नहीं, साउंड के आधार पर लाउडस्पीकर को बंद करना चाहिए। टिकैत ने कहा कि लाउडस्पीकर कहीं पर भी हो वो आवाज करता है, ऐसे में उसको धार्मिक आधार पर नहीं नॉइस पॉल्यूशन फैलाने के आधार पर बंद करना चाहिए। एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि देश में केवल एक चीज पर काम चल रहा है कि वोट कैसे मिलेंगे।
बिजली संकट पर उन्होंने कहा कि सरकार और बिजली कंपनियां मिली हुई हैं। उन्होंने कहा कि चार-पांच महीने पहले कोयले का रेट 8 हजार रुपए प्रति टन था। आज ये 18 हजार रुपए है। टिकैत ने कहा कि कोयला खदानें अडानी को देनी हैं इसलिए कोयले और बिजली का संकट दिखाकर खदानें अडानी को कैसे दी जाएं इसका षड्यंत्र रचा जा रहा है।
टिकैत ने कहा कि किसानों को अब तक सस्ती बिजली नहीं मिली है। किसान आंदोलन के बाद उत्तर प्रदेश में एग्रिकल्चर बिजली के रेट आधे करने की बात जरूर की है पर बिजली की आपूर्ति में कटौती हुई है। बिजली लगातार नहीं मिल पा रही है।