राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को कुछ बड़े फैसले किए। इसके मुताबिक, नए साल में एक जनवरी से सम और विषम रजिस्ट्रेशन नंबर वाली निजी गाड़ियों को एक-एक दिन के अंतराल पर सड़कों पर उतरने का मौका मिलेगा। पड़ोसी राज्यों के रजिस्ट्रेशन नंबर वाली गाडि़यों को भी सम और विषम नंबर वाले फॉर्म्युले को अपनाना होगा। हालांकि, इमरजेंसी सर्विस और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाडि़यों पर यह नियम नहीं लागू होगा। दिल्ली डायलॉग कमीशन के वाइस चेयरमैन आशीष खेतान ने कहा कि इस तरह वाहन ऑपरेट करने का आइडिया विदेशों से लिया गया है। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में शहर की तुलना ‘गैस चैंबर’ से की थी, जिसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक इमरजेंसी मीटिंग की।
और क्या फैसले लिए गए
चीफ सेक्रेटरी केके शर्मा ने कहा कि सरकार ने बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन बंद करने का फैसला किया है। इसके अलावा, यूपी स्थित दादरी पावर प्लांट को बंद करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के शरण में जाएगी। धूल फैलने से रोकने के लिए सरकार शहर की सड़कों पर बड़े पैमाने पर पौधरोपण कार्यक्रम चलाएगी। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करेगी कि सड़कों की सफाई एक अप्रैल से वैक्यूम क्लिनर के जरिए हो। ट्रकों की आवाजाही को रात 11 बजे के बाद ही मंजूरी देने के बारे में भी विचार कर रही है। बता दें कि ट्रकों की वजह से ट्रैफिक की रफ्तार धीमी होती है, जो भी वायु प्रदूषण की अहम वजह है। दिल्ली सरकार ने 2017 से कारों के प्रदूषण के मामले में यूरो 6 स्टैंडर्ड अपनाने को अनिवार्य बनाने का भी फैसला किया है। केजरीवाल सरकार अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने पर फोकस कर रही है। कुछ इलाकों में कार फ्री डे मनाने का फैसला किया गया है। सरकार ने एलान किया है कि 22 जनवरी को पूरी दिल्ली में कार फ्री डे मनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस सभी कवायदों से दिल्ली में गाडि़यों से होने वाला प्रदूषण आधा तक घटने की उम्मीद है। बता दें कि दिल्ली में आखिरी कुछ हफ्तों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है।
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