टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) ने हाल ही में दिल्ली में महिलाओं और बच्चियों के शेल्टर होम की ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में शेल्टर होम में रहने वाली महिलाओं और बच्चियों के साथ यौन शोषण और प्रताड़ना के गंभीर मामले सामने आए हैं। इनमें लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने, शरीर पर खौलता पानी डालने और खाना ना देने जैसी जघन्य घटनाएं शामिल हैं। फिलहाल यह रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंप दी गई है।

बता दें कि दिल्ली महिला आयोग और सरकार के निर्देश पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस ने यह ऑडिट किया था। 143 पेज की अपनी रिपोर्ट में TISS ने बताया गया है कि उन शेल्टर होम में लड़कियों के यौन शोषण और प्रताड़ना की खबरें ज्यादा सामने आयी हैं, जो किसी व्यक्ति या एनजीओ द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। रिपोर्ट में दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के एक शेल्टर होम की घटना का जिक्र किया गया है, जहां निराश्रित और मानव तस्करी के पीड़ितों को रखा जाता है, वहां एक पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने की घटना का पता चला।

वहीं एक पीड़िता ने शरीर पर खौलता हुआ गर्म पानी डालने का अनुभव साझा किया। पीड़िताओं ने बताया कि बिस्तर में पेशाब करने जैसी गलतियों के लिए इस तरह की सजा दी जाती है। इसके अलावा शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को संसाधनों की कमी के चलते ग्रुप में नहाने जैसे मानसिक ट्रॉमा भी झेलने पड़ते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों को इन सजाओं के बारे में बताकर डराया भी जाता है। वहीं एक शेल्टर होम में रहने वाली 60 लड़कियों के नहाने के लिए सिर्फ 2 बाल्टियां हैं, ऐसे में कई बार लड़कियों को खुले में नहाने को मजबूर होना पड़ता है। कुछ शेल्टर होम के कमरों की खिड़कियां टूटी हुई हैं, जिससे कमरों में ठंडक ज्यादा रहती है और इस स्थिति में लड़कियों को पर्याप्त संख्या में कंबल भी नहीं मिलते हैं।

कुछ शेल्टर होम में लड़कियों को पीटने, कमरे में बंद रखने और खाना नहीं देने के मामले भी सामने आए हैं। हालांकि ये मामले कुछ शेल्टर होम के हैं और सामान्य तौर पर दिल्ली के शेल्टर होम संतोषजनक पाए गए हैं। वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि वह इस रिपोर्ट को लेकर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम मामले का खुलासा करने वाले TISS के फील्ड एक्शन प्रोजेक्ट ‘कशिश’ द्वारा ही दिल्ली में यह ऑडिट किया गया है।