Tirupati Temple Controversy: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार (YSRCP) पर तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में चढ़ाए जाने वाली पवित्र मिठाई यानी तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी से बने ऑयल और घटिया सामान इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। सीएम नायडू ने ये सारे दावे एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान ये दावे किए।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार सीएम ने कहा कि तिरुमाला लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाया जा रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि लड्डओं को बनाने में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया। इन आरोपों को पूर्व सीएम और YSRCP प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने सिरे से खारिज कर दिया। वहीं वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने नायडू के बयानों को “दुर्भावनापूर्ण” बताया और टीडीपी नेता पर “राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिरने” का आरोप लगाया।

YSRCP ने आरोपों को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा कि तिरुमाला प्रसादम के बारे में उनकी टिप्पणी बेहद दुर्भावनापूर्ण है। कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा। आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार की आलोचना की तथा प्रसाद में जानवरों के ऑयल के कथित इस्तेमाल पर आश्चर्य व्यक्त किया और दावा किया कि इससे लाखों भक्तों की धार्मिक भावनाओं का अनादर हुआ है।

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TDP ने लगाया धर्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ का आरोप

इस मामले में टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कल कहा था कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम को आपूर्ति किए जाने वाले घी को बनाने में एनमिल ऑयल का उपयोग किया गया था। गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को परीक्षण के लिए भेजे गए नमूनों की प्रयोगशाला रिपोर्ट से यह प्रमाणित होता है कि तिरुमाला को आपूर्ति किए जाने वाले घी को बनाने में गोमांस की चर्बी और पशु वसा – लार्ड और मछली के तेल का उपयोग किया गया था और एस मान केवल 19.7 है।

टीडीपी नेता इस मुद्दे को लेकर कहा कि यह हिंदू धर्म का अपमान है। भगवान को दिन में तीन बार चढ़ाए जाने वाले ‘प्रसाद’ में इस घी को मिलाया गया है। हमें उम्मीद है कि न्याय होगा और भगवान गोविंद हमें जो भी गलतियां हुई हैं, उनके लिए क्षमा करेंगे। टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी कहते हैं कि सैंपल की प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रमाणित करती है कि तिरुमाला को आपूर्ति किए गए घी को तैयार करने में गोमांस की चर्बी और पशु वसा – लार्ड और मछली के तेल का उपयोग किया गया था और एस मान केवल 19.7 है।

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पिछली सरकार ने दिया था टेंडर

मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि घी खरीदने का टेंडर पिछली सरकार ने दिया था। यह केएमएफ (कर्नाटक मिल्क फेडरेशन) नहीं है। शिकायतों के बाद, इसकी जांच की गई और कार्रवाई शुरू की गई। उन्होंने बताया कि घी के नमूने एनडीडीबी काफ (पशुधन एवं खाद्य विश्लेषण एवं अध्ययन केन्द्र) को भेजे गए थे, जहां पशु वसा की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

सूत्रों ने बताया कि लड्डू और अन्य प्रसाद तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया गया घी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के शासनकाल के दौरान कई एजेंसियों और विक्रेताओं से खरीदा गया था और टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि घी में कथित तौर पर मिलावट कहां से हुई।

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कांग्रेस का भी आया रिएक्शन

आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने मांग की है कि नायडू को उनकी टिप्पणियों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने उनसे आग्रह किया कि अगर उनके आरोप सही हैं तो वे उच्च स्तरीय जांच का गठन करें, साथ ही उन्होंने मंदिर की पवित्रता की रक्षा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टीडीपी और वाईएसआरसीपी घिनौनी राजनीति कर रहे हैं, तिरुमाला को अपवित्र कर रहे हैं और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा किहम चंद्रबाबू गारू से कार्रवाई करने की मांग करते हैं। अगर आपके आरोप राजनीति से प्रेरित नहीं हैं और आप भावनाओं पर राजनीति करने का इरादा नहीं रखते हैं, और अगर वास्तव में घी की जगह जानवरों के तेल का इस्तेमाल किया गया है, तो तुरंत एक उच्च स्तरीय समिति गठित करें या सीबीआई से जांच करवाएं।