दिल्ली के रोहिणी कोर्ट शूटआउट मामले में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की मंगलवार (2 मई,2023) को तिहाड़ जेल में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के पीछे कथित तौर पर जितेंद्र गोगी के गिरोह का नाम सामने आ रहा है। इन खबरों के बीच दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों के कम से कम एक दर्जन जवान दोनों ही गैंगस्टरों के घरों पर पहरा दे रहे हैं। बाहरी दिल्ली में मौजूद टिल्लू ताजपुरिया और जितेंद्र गोगी के घरों की दूरी महज़ 10 किमी है।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अलीपुर में जितेंद्र गोगी के परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिसमें उनकी सत्तर वर्षीय मां परमेश्वरी देवी, उनके भाई और अन्य सदस्य शामिल हैं। ताजपुर कलां में ताजपुरिया के घर के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, जहां मंगलवार शाम करीब 6 बजे टिल्लू ताजपुरिया का अंतिम संस्कार किया गया।

टिल्लू ताजपुरिया गांव में क्या हैं हालात? पिता ने क्या कहा

टिल्लू ताजपुरिया कभी होनहार पहलवान था और बाद में कुख्यात गैंगस्टर बन गया। ताजपुरिया की मौत से उनके गांव में दोस्तों और रिश्तेदारों में शोक की लहर दौड़ गई है।

एमसीडी के पूर्व क्लर्क ताजपुरिया के पिता जगपाल सिंह ने कहा कि भले ही एक बेटे का नुकसान असहनीय है, लेकिन उन्हें पता था कि ताजपुरिया मौत के मुंह में जा रहा है। उन्होंने बताया, “उसने (टिल्लू ताजपुरिया) 10वीं कक्षा तक पढ़ाई की जिसके बाद कुश्ती शुरू की और कई स्थानीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया। वह जल्द ही बुरी संगत में पड़ गया, मैंने करीब आठ साल पहले उससे नाता तोड़ लिया था और शायद ही कभी उससे बात की थी क्योंकि उसके कामों से परिवार की बदनामी हुई थी, मैं जेल में उनसे मिलने कभी नहीं गया।’

घर की दीवारों पर टंगी हैं तस्वीरे..क्या कहते हैं दोस्त

टिल्लू ताजपुरिया के घर के अंदर, दीवारों पर उनकी युवावस्था की तस्वीरें लगी हैं, जिनमें से एक उनके करीबी सहयोगी सुनील मान के साथ थी, जो इस समय तिहाड़ जेल में हैं, और उनमें से अन्य एक स्थानीय कुश्ती प्रतियोगिता में एक विजेता को सम्मानित कर रहे हैं।

टिल्लू के साथ कभी तिहाड़ में रहे उनके एक दोस्त ने कहा कि ताजपुरिया कभी नहीं चाहता था कि उसका परिवार जेल में उससे मिलने आए। उन्होने कहा, “जब मैंने उसे फोन किया, तो उसने मुझे बताया कि वह अच्छा कर रहा है। अपने करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों के लिए वह शहीद हैं”

टिल्लू ताजपुरिया के गांव में लोगों को रील्स और वीडियो में यह कहते हुए देखा गया कि, “टिल्लू भैया हम आपको याद करेंगे”, एक पड़ोसी ने कहा, “गाँव में हर कोई सुनील को जानता था और उनका सम्मान करता था क्योंकि वह एक युवा आइकन थे और हम उन्हें ‘पहलवान टिल्लू’ कहते थे।