जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में दिसंबर महीने में मारे गए तीन लोगों की हिरासत में हुई मौत को लेकर सेना ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद अब 7 से 8 कर्मचारियों के आचरण में खामियां मिली हैं। सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि आखिर में यह नतीजा निकलकर सामने आता है कि तीन लोगों की कथित तौर पर पूछताछ के दौरान टार्चर से मौत हो गई।
यह आतंकी हमला 21 दिसंबर को मुगल रोड पर देहरा की गली और बुफलियाज के बीच हुआ में था। अगली सुबह पुंछ जिले के बुफलियाज इलाके में टोपा पीर से आठ लोगों को और राजौरी जिले के थानामंडी इलाके से पांच लोगों को उठाया गया। टोपा पीर से ले जाए गए आठ लोगों में से तीन की मौत हो गई थी। इस मामले पर अधिकारियों और कुछ कर्मियों की खामियां मिली हैं। इसके बाद एक्शन लेते हुए कुछ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
कुछ अधिकारी थे मौजूद
शुरुआती जांच में 13 सेक्टर आरआर के ब्रिगेड कमांडर और 48 राष्ट्रीय राइफल्स (RR) के कमांडिंग ऑफिसर (CO) की ओर से प्रशासनिक चूक की ओर इशारा जाता है। वहां पर ब्रिगेड के कमांडर व्यक्तिगत रूप से मौजूद नहीं थे और सीओ भी छुट्टी पर गए हुए थे। हालांकि, वे सीधे तौर पर इसमें शामिल नहीं थे लेकिन अन्य कामों के लिए वे भी जिम्मेदार हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि इसके अलावा भी दो और अधिकारियों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। यह गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के दौरान मौजूद थे।
बता दें कि सेना में अनुशासनात्मक कार्रवाई का मतलब कोर्ट मार्शल हो सकता है। जुर्म की गंभीरता के आधार पर सजा में मृत्युदंड भी हो सकता है। इसके अलावा प्रशासनिक कार्रवाई का मतलब होता है कि उन पर विभाग के द्वारा कार्रवाई की जाएगी। इसमें आरोपी की सेवाएं भी समाप्त की जा सकती हैं।
रक्षा मंत्री ने किया था दौरा
जांच रिपोर्ट के आधार पर सभी सबूतों को इकट्ठा किया जा रहा है। इसी के आधार पर जनरल कोर्ट मार्शल जैसी आगे की कार्रवाई की जाएगी। इंडियन एक्सप्रेस के सवालों के जवाब में सेना ने कहा कि घटना की जांच अभी भी जारी है और इस स्तर पर किसी भी रिजल्ट पर पहुंचना बहुत ही जल्दबाजी होगी। उन्होंने आगे कहा कि सेना इस घटना से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए जांच करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के साथ राजौरी का दौरा किया और तीन लोगों के परिवारों से मुलाकात की थी। साथ ही उन लोगों के परिवारों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था।