India-Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच में सीजफायर हो गया है। भारत ने अपनी शर्तों पर, पाकिस्तान को झटका देने के बाद इस सीजफाय पर सहमति जताई है। इस सीजफायर को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत भी माना जा रहा है, कहा जा रहा है कि कड़ा संदेश देने के बाद, अपने सारे मकसद पूरे करने के बाद यह फैसला हुआ है। यहां समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे भारत ने पाकिस्तान को उसकी सही जगह दिखाई है।
आतंकवाद पर भारत का रुख और मजबूत
भारत ने यह सीजफायर अपनी शर्तों पर किया है। साफ कहा गया है कि किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अगर कोई भी हिमाकत होगी तो उसका मुंहतोड़ जवाब भी मिलेगा। बड़ी बात यह है कि जब पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर चल रहा था, दुनिया के कई देशों को भी भारत ने संदेश दिया कि क्योंकि पाकिस्तान ने आतंकवादी हमला किया है, ऐसे में पूरा अधिकार बनता है कि वो उसका जवाब देगा। ऐसे में जब ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया, तुर्की और चीन जैसे देशों को छोड़ किसी ने भी पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया। कई देशों ने या तो सिर्फ तनाव कम करने की सलाह दी या फिर भारत का समर्थन किया।
ऑपरेशन सिंदूर कर बदला हुआ पूरा
भारत का स्टैंड शुरूआत से रहा था, वो पाकिस्तान के आम नागरिकों या फिर सेना को निशाने पर नहीं लेने वाला था, उसे सिर्फ आतंकवाद का सफाया करना था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद ही स्पष्ट कर दिया गया था कि आतंकवाद और आतंकवाद को पनाह देने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के 9 ठिकानों को निशाने पर लिया गया। तीनों ही सेनाओं ने एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया और Pakistan और PoK में मरकज़ सुभान अल्लाह- बहावलपुर, मरकज़ तैयबा- मुरीदके, सरजाल/तेहरा कलां, महमूना जोया फैसेलिटी- सियालकोट, मरकज़ अहले हदीस बरनाला- भिम्बर, मरकज़ अब्बास- कोटली, मस्कर राहील शाहिद- कोटली, मुजफ्फराबाद में शावई नाला कैम और मरकज़ सैयदना बिलाल जैसी जगहों पर कार्रवाई की।
बड़ी बात यह रही कि भारत ने इस एक ऑपरेशन के जरिए कई सालों का बदला पूरा किया। उसने कांधार हाईजैक से लेकर संसद अटैक तक, 26/11 से लेकर पुलवामा तक, हर बड़े आतंकी को उसके गुनाह की सजा दी।
पाकिस्तान को किया एक्सपोज
भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत यह रही कि पाकिस्तान को बुरी तरह एक्सपोज कर दिया गया। जो पाकिस्तान फर्जी प्रोपेगेंडा चला दावा कर रहा था कि भारत ने उसके खिलाफ जबरदस्ती का एग्रेशन दिखाया, उसे सच्चाई का तमाचा काफी जोर से लगा। पहले दिन के ड्रोन अटैक के बाद पाकिस्तान ने जोर देकर बोला कि भारत पर कोई हमला नहीं किया गया, लेकिन जब उसके ‘फिसड्डी’ ड्रोन भारत के अलग-अलग शहरों से मिले, साफ हो गया पाकिस्तान ने फिर झूठ बोला है, कायराना हमला किया है।
पाकिस्तान तब भी एक्सपोज हुआ जब उसने अपने आम नागरिकों को ढाल बनाने का काम किया। उसकी हरकत ऐसी रही कि हर कोई दंग रह गया। एक तरफ भारत के शहरों पर पाकिस्तानी सेना ड्रोन से हमला करती, दूसरी तरफ उसने अपना एयरस्पेस उस समय बंद नहीं किया, पुष्टि हुई कि कई कमर्शियल फ्लाइट उड़ती रहीं। इससे साफ पता चला कि पाकिस्तान चाहता था कि हिंदुस्तान उसके खिलाफ कार्रवाई करे तो निशाने पर आम लोग आ जाएं। अब यहां पर एक तरफ भारतीय सेना के धैर्य ने दुनिया के सामने उदाहरण पेश किया तो वहीं दूसरी तरफ बैलिस्टिक मिसाइल्स की सटीकता ने पाकिस्तान को मंसूबों को फेल किया।
बिना कार्रवाई तुर्की को भी मिला बड़ा संदेश
इस पूरे घटनाक्रम में तुर्की की भूमिका अहम रही। तुर्की ने ना सिर्फ पाकिस्तान का समर्थन किया बल्कि जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, वो पहला देश तो जो ना सिर्फ शहबाज शरीफ से मिला बल्कि उसने दुख भी जाहिर कर दिया। बड़ी बात यह रही कि पाकिस्तान ने भी तुर्की के ही ड्रोन्स के सहारे भारत पर हमला किया। लेकिन तुर्की के वो सारे ही ड्रोन एकदम विफल साबित हुए, भारत के सुदर्शन चक्र के सामने उनका कोई मुकाबला ही नहीं दिखा। पाकिस्तान ने काफी उम्मीद के साथ 400 से 500 ड्रोन फायर किए थे, लेकिन एस-400 ने सभी को हवा में ही ध्वस्त कर दिया।
ऐसे में तुर्की को भी सच्चाई का आईना जरूर देखने को मिला, उसे अपने ड्रोन्स की ताकत का असल अहसास हो गया। पूरी दुनिया ने भी तुर्की ड्रोन्स की क्वलािटी देख ली।