लोकसभा में बुधवार को केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सांसद द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में बताया कि 2019 से लेकर अबतक रेलवे को कुल 1376 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। उन्होंने कहा कि यात्री ट्रेनों से रेलवे को कोई फायदा नहीं होता। लेकिन अगर मालगाड़ी न होती तो रेलवे का भट्ठा बैठ जाता। रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे एक यात्री से पूरी यात्रा का केवल आधा किराया ही लेता है।
वहीं रेलमंत्री ने शुक्रवार को संसद में एक लिखित जवाब में बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध के कारण रेलवे को 259.44 करोड़ का नुकसान हुआ है। बता दें कि अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदर्शन हुए थे। ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी, जिसके कारण करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था।
रेल मंत्री ने सदन में बताया कि रेलवे को हड़ताल और आन्दोलन की वजह से वर्ष 2019-20 में 151 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। जबकि वर्ष 2020-21 में 904 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वर्ष 2021-22 में रेलवे को 62 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। वहीं केवल अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के दौरान रेलवे को करीब 260 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ। अगर 2019 से लेकर अबतक के आंकड़ों को मिला लें तो रेलवे को 1376 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
रेलमंत्री ने कहा कि रेलवे की कमाई कोरोना के कारण वर्ष 2019-2020 की तुलना में पिछले 2 वर्षों में कम रही, जिसके कारण रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि रेलवे रेल यात्रियों के किराये का 50 फीसदी किराया पहले से ही चुका रहा है।
वहीं ट्रेन में सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे की ओर से किराए में छूट देने से साफ इनकार कर दिया गया है। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साफ कहा कि ट्रेनों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए किराए में छूट को फिर से बहाल करने का इंतजार न करें। रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेन में सफर करने वाले खिलाड़ियों को भी किराए में कोई छूट नहीं दी जाएगी।