इमरजेंसी पर चर्चा के दौरान हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि उन्हें ये चिंता होती है कि दूर-दूर तक मोदी और बीजेपी की कोई विकल्प नहीं है। इस बात से बीजेपी के लोग तो खुश होते हैं पर उन्हें चिंता होती है। क्योंकि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों की जगह होनी चाहिए। विपक्ष मजबूत होगा तभी लोकतंत्र जिंदा रह सकता है।
शांता कुमार ने कहा कि कांग्रेस इस समय खुदकुशी करने पर उतारू है। उनकी इस बात पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी मुस्कुराने लगे। शांता कुमार ने कहा कि कांग्रेस एक मजबूत विकल्प बन सकती है पर उसे नेहरू-गांधी परिवार से बाहर निकलना होगा। कांग्रेस में कई ऐसे नेता हैं जो एक मजबूत विकल्प पेश करने की स्थिति में हैं। उनका कहना था कि राज्यों में कई छोटे छोटे दल हैं लेकिन वो इतनी मजबूत स्थिति में नहीं हैं जो मोदी और बीजेपी का विकल्प बनकर उभर सकें। उनका कहना था कि सरकार को चाहिए कि आलोचकों को अपने नजदीक रखे।
इमरजेंसी को याद कर शांता कुमार ने कहा कि नाहन जेल में कहीं से हमने खबर सुनी कि स्वामी बैंकाक के रास्ते से भारत में आ गए। अपनी बात कही और नेपाल के रास्ते भारत से निकल गए। उनका कहना था कि 20 कैदी जो मीसा में बंद थे उन्होंने इस खबर पर खुश होकर नाचना शुरू कर दिया। शांता कुमार ने कहा कि चीन इस समय सबसे बड़ी चिंता है। उन्होंने 1962 को याद करके कहा कि तिब्बत चीन को देना सबसे बड़ी गलती थी।
स्वामी ने अपना संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब मैं संसद में गया और अंदर जाकर दस्तखत किए। उस समय उन लोगों का जिक्र हो रहा था जो मर गए। तब मैंने कहा कि लोकतंत्र मर गया उसकी भी चर्चा कर लो। सभापति ने मेरे प्वाइंट के इनवेलिड करार दे दिया। तब मैंने वाक आउट कर दिया।
Dr Subramanian Swamy, Shri Shanta Kumar & Shri Saryu Rai discuss the Fight against Emergency that kept our democracy alive https://t.co/YM9DnBYJhE
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 27, 2021
सभापति ने दो मिनट की शोक सभा रखी तो इसी दौरान मैं गायब हो गया। मेरे सिर पर ईनाम लगा दिया। स्वामी का कहना है कि उस समय सबसे ज्यादा ईनाम मेरे सिर पर लगाए गए थे।