केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने आज कहा कि उसने कूड़े के ढेर में खून से सनी वर्दियां मिलने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। ये वर्दियां छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक अस्पताल के पास कूड़े के ढेर से मिली थीं और ऐसा संदेह है कि ये वर्दियां सीआरपीएफ के उन्हीं जवानों की हैं, जो राज्य में हुए हालिया नक्सली हमले में शहीद हो गए थे।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कार्यवाहक प्रमुख आरसी तायल ने कहा कि जांच राज्य के महानिरीक्षक द्वारा की जाएगी और रिपोर्ट जल्द सौंपी जाएगी।
एक दिसंबर को हुई मुठभेड़ के बाद रायपुर का दौरा करने वाले तायल ने कहा, ‘‘हमने इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि यह कैसे हुआ? दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमें संदेह है कि कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने ये चीजें रायपुर के अस्पताल के कुछ कर्मचारियों से ली होंगी। हम इसकी जांच कर रहे हैं।’’
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुई मुठभेड़ में दो अधिकारियों सहित सीआरपीएफ के 14 कर्मी शहीद हो गए थे ।
कल रायपुर के अंबेडकर अस्पताल के पास कूड़े के ढेर से वैसी ही वर्दियां मिली थीं, जैसी सीआरपीएफ के जवान अभियानों के दौरान पहनते हैं। इसके साथ ही जंगल बूट भी मिले थे । इस घटना से लोगों में रोष फैल गया ।
जिला कांग्रेस प्रमुख विकास उपाध्याय ने अस्पताल का दौरा किया था और जवानों की वर्दियों एवं अन्य सामान को वह कांग्रेस के कार्यालय में ले गए थे।
उपाध्याय ने कहा था, ‘‘जब हमें पता लगा कि सीआरपीएफ के शहीद जवानों की वर्दियां शवगृह के पास कूड़े से भरे कूड़ेदान में पड़ी हैं तो हम तत्काल वहां (अस्पताल) पहुंचे। शहीद जवानों का पोस्टमार्टम इसी अस्पताल में हुआ था ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने खून से सनी चार वर्दियां और 10 जोड़ी जूते एकत्र किए और उन्हें कांग्रेस भवन में ले आए। बाद में सीआरपीएफ के अधिकारी आए और हमने ये सभी चीजें उन्हें दे दीं।’’
अंबेडकर अस्पताल के डीन विवेक चौधरी ने कहा था कि ‘‘पोस्टमार्टम के बाद विसरा और अन्य चीजें संरक्षित कर ली जाती हैं और उन्हें खुले में नहीं रखा जाता। :खून से सनी वर्दियों का खुले में पड़े होने वाला: जो वीडियो मैंने देखा, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’