कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण की रफ्तार धीमी रही है। ग्रामीण क्षेत्रों तक सड़कों को पहुंचाया जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत कार्य करती है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इस साल दिसंबर 2021 तक देश में केवल 17,477 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है। जो कि अब तक की तीन साल की सबसे धीमी निर्माण रफ्तार है जबकि इस वित्त वर्ष के समाप्त होने में केवल तीन माह का ही समय शेष बचा है।
केंद्र सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 10 दिसंबर 2021 तक निर्माण कार्य का आकलन बताता है कि यह बीते वर्ष की तुलना में अब तक आधा भी पूर्ण नहीं हो पाया है। जबकि सरकार ने कोरोना संक्रमण के काल में राहत होने के बाद सरकारी व गैर सरकारी गतिविधियों में राहत दी है। तीन वर्ष पूर्व 2018-19 में मंत्रालय इस योजना के तहत 48 हजार किलोमीटर से अधिक निर्माण कार्य कर रहा था। जो वर्तमान वर्ष में बनी सड़कों की संख्या के ढाई गुना से भी कम है। हालांकि मंत्रालय का दावा है कि पीएमजीएसवाई के तहत कार्य को मंजूरी होने 12 माह में पूर्ण करने नियम निर्धारित है। वहीं कार्यस्थल की स्थितियों के आधार पर 25 मीटर से अधिक लम्बाई वाले पुल का कार्य पूर्ण करने के लिए इस समय अवधि को 21 से 24 माह के लिए निर्धारित किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक इस दायरे में आने वाली परियोजनाओं को पूर्ण करने और सीधी निगरानी के लिए आन लाइन सिस्टम तैयार किया गया है। इसके अतिरक्त हर लोकसभा क्षेत्र में इन कार्यों की निगरानी के लिए लोकसभा के सांसद की अध्यक्षता में एक विशेष टीम का भी गठन किया गया है। इस योजना के तहत बीते तीन साल में कुल 1,29,549 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है।
देशभर में होना है 3,212 पुलों का निर्माण
पीएमजीएसवाई योजना के तहत आने वाले दिनों में 3,212 पुलों का निर्माण कार्य किया जाना है। इसके लिए मंत्रालय के पास देश के 27 राज्य व केंद्र शासित राज्यों से प्रस्तावों की प्राप्ती हुई है। इन प्रस्तावों में सबसे अधिक प्रस्ताव बिहार से 609 , मध्य प्रदेश में 580 और असम में 376 पुल शामिल हैं। आने वाले दिनों में मंत्रालय इन पुलों के निर्माण कार्य की दिशा में काम करेगा।