फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पांच मई को देशभर में रिलीज हो रही है। इसको लेकर विरोध और समर्थन में टकराव शुरू हो गया है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के सांसद बिनॉय विश्वम (Binoy Viswam) ने मंगलवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर इस पर रोक लगाने की मांग की है। सांसद ने उनसे “फिल्म के माध्यम से किए जा रहे झूठे दावों की जांच शुरू करने” का आग्रह किया
पत्र में उन्होंने लिखा कि फिल्म बेबुनियाद दावों, फर्जी खबरों और इस्लामोफोबिक प्रोपेगेंडा पर आधारित है। इसका उद्देश्य केरल राज्य और यहां की जनता की छवि खराब करना है। फिल्म का ऑफिशियल ट्रेलर केरल और मुस्लिम समुदाय के प्रति सियासत से प्रेरित नफरत से भरा है।
उन्होंने कहा कि फिल्म में 32 हजार महिलाओं और लड़कियों के गायब होने की बात कही गई है।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था पर लोगों को शिक्षित और संवेदनशील बनाने में सूचना और प्रसारण मंत्रालय की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीएस अच्युतानंदन और ओमन चांडी के बयानों के गलत अर्थ निकाले गये हैं और उसका गलत कोट किया गया है।
उन्होंने कहा कि वीएस अच्युतानंदन के बयानों को मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए गलत ढंग से बताया गया है। इसी तरह ओमन चांडी ने धर्मांतरण को लेकर कभी कोई फिगर नहीं जारी किया और न ही कभी यह कहा कि महिलाओं को आईएसआईएस में भेजा गया है या जबरन धर्मांतरण कराया गया है। तथाकथित लव जिहाद बेबुनियाद इस्लामोफोबिक साजिश के सिद्धांत पर आधारित है।
यह कथित तौर पर केरल की उन लड़कियों की कहानी है, जिनका ब्रेनवॉश करके पहले धर्म परिवर्तन कराया गया। बाद में उनको आईएसआईएस आतंकी बना दिया गया। हालांकि इसकी स्क्रिप्ट पर कई लोग ऐतराज जता रहे हैं। उनका कहना है कि यह पूरा मामला समाज में आपस में नफरत फैलाने और इस्लामोफोबिया से प्रेरित है।
