महाराष्ट्र के पुणे जिले में पीएम नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित यात्रा विवादों के घेरे में आ गई है। बीजेपी शासित पुणे म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने शहर के उन हिस्सों में सड़कों की मरम्मत का आदेश दिया है, जिधर से पीएम गुजर सकते हैं। पीएमसी ने इस कार्य को पूरा करने के लिए गोपनीयता बरतने के लिए कहा है। पीएम 16 या 17 अप्रैल को यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। पीएम चुनाव कार्यक्रम स्थल जाने के दौरान कुछ वक्त पुणे में भी बिता सकते हैं।

पीएमसी की ओर से अधिकारियों को दी गई आधिकारिक सूचना में ‘पीएम के दौरे को लेकर गोपनीयता’ बरतने के लिए कहा गया है। उधर, एनसीपी की शहर ईकाई ने इस मुद्दे को उठाते हुए इसे मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन बताया है। कॉर्पोरेशन के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों को भेजे गए लेटर में पीएमसी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर संजय मोरे ने लिखा था, ‘लोकसभा चुनाव की वजह से लागू आचार संहिता के मद्देनजर पीएम के दौरे को लेकर गोपनीयता बरते जाने की जरूरत है। अधिकारियों को इसकी चर्चा नहीं करनी चाहिए ताकि इस बारे में बेवजह पब्लिसिटी न हो। यह निर्देश कई बार जिला प्रशासन द्वारा मीटिंग में दिया जा चुका है। अफसरों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए।’

पीएमसी के रोड डिपार्टमेंट से कहा गया है कि पुणे एयरपोर्ट से लेकर राज भवन के बीच सड़क को रिपेयर किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि रोड ब्रेकरों की ऊंचाई तयशुदा मानकों के मुताबिक हों। जल आपूर्ति  विभाग से कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क पर पानी लीक न हो। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट और वॉर्ड ऑफिसों से कहा गया है कि सड़कों को साफ किया जाए। पीएमसी ने तत्काल प्रभाव से सड़कों पर किसी तरह के अतिक्रमण को हटाने भी कहा है। इसके अलावा, उन पेड़ों और उनकी शाखों को हटाने कहा गया है, जिनकी वजह से ट्रैफिक पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बता दें कि पुणे जिला प्रशासन ने शुक्रवार को पीएम के दौरे के मद्देनजर एक मीटिंग भी बुलाई थी।

एनसीपी की शहर ईकाई के प्रमुख चेतन तुपे के मुताबिक, पार्टी को इस बात का अंदाजा है कि सुरक्षा कारणों से पीएम के दौरे की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती, लेकिन पीएम के दौरे के बहाने कई विभागों को मरम्मत के काम में लगाना मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है। एनसीपी नेता के मुताबिक, सत्ताधारी बीजेपी पीएम के दौरे के बहाने से शहर के सुंदरीकरण के लिए निकाय प्रशासन पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों से वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, इस वजह से वह चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे।