आम बजट पेश होने से पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एस ए बोबडे ने शुक्रवार को बढ़ते टैक्स पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि टैक्स का ज्यादा बोझ लोगों के साथ अन्याय है। सीजेआई ने केंद्र सरकार से कहा है कि जनता पर टैक्स को बोझ को कम करने के लिए कुछ और कदम उठाए जिससे देश के विकास में मदद मिले। राष्ट्रीय राजधानी में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के 79 साल पूरे होने पर आयोजित एक समाहरोह के दौरान उन्होंने यह बयान दिया।

सीजेआई बोबडे ने कहा ‘सरकार जनता से ठीक उसी तरह टैक्स वसुले जिस तरह मधुमक्खी फूलों को नुकसान पहुंचाए बिना उसका रस चूसती है। मनमाना और ज्यादा टैक्स लागू करना सरकार द्वारा सामाजिक अन्याय है।’ उन्होंने देश की विभिन्न अदालतों में टैक्स से जुड़े लंबित मामलों पर भी जानकारी दी। सीजेआई ने बताया कि लंबित इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़े केसों में बीते दो साल में 61 फीसदी की कमी आई है।

जस्टिस बोबडे ने न्यायपालिका में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अहमियत को एकबार फिर सबके सामने रखा। कई मौकों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात कर चुके सीजेआई ने कार्यक्रम में कहा कि यह फैसले लेने और न्याय देने में अहम भूमिका निभा सकता है।

मालूम हो कि केंद्रीय वित्त मंत्री 1 फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं। मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को इस बात की उम्मीद है कि सरकार उन्हें बड़ी राहत दे सकती है। आर्थिक सुस्ती की मार झेल रही मोदी सरकार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। इससे पहले पिछले साल बजट में पांच लाख की इनकम को टेक्स फ्री कर दिया गया था। वहीं बीते साल ही कॉरपोरेट टैक्स रेट को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया।