देश के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की जिंदगी पर आधारित ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। फिल्म में मनमोहन सिंह के किरदार को अनुपम खेर ने निभाया है। ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ फिल्म मनमोहन सिंह के पूर्व मीडिया सलाहकार संजय बारू की किताब पर बनाई गई है। फिल्म के ट्रेलर का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार था। हालांकि कांग्रेस को इस पर ऐतराज रहा है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पर हमला करने के लिए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने इसका ट्रेलर शेयर कर दिया। जिस पर कांग्रेस भड़का गई है। वहीं इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई।

इस ट्रेलर को ही भारतीय जनता पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर कर दिया। भाजपा ने ट्रेलर शेयर करते हुए लिखा कि, ‘दिलचस्प कहानी, कैसे एक परिवार ने देश को 10 साल के लंबे समय तक जकड़ के रखा’। क्या डॉ. मनमोहन सिंह सिर्फ एक प्रतिनिधि थे, जो उस समय तक पीएम की कुर्सी पर बैठाए गए जब तक वारिस तैयार नहीं हो गया था?

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भाजपा के ट्रेलर शेयर करते ही कांग्रेस की तरफ से हमले शुरू कर दिए गए। वहीं, सोशल मीडिया पर बहस भी तेज हो गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा ने ट्विटर पर लिखा कि, एक राजनीतिक पार्टी अपने दुर्भावनापूर्ण एजेंडे के लिए बॉलीवुड का इस्तेमाल कर रही है। ये लोग हताश हैं। लेकिन इनकी घबड़ाहट समझी जा सकती है। कुछ महीने का ही समय बाकी है, दोस्तों।

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वहीं, कॉलमिस्ट मिहिर मिश्रा ने भी ट्विटर पर लिखा कि, ‘हम जानते हैं कि यह मूवी किसने बनाई है। शुक्रिया, आईटी सेल’? इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार रिफत जावेद ने कहा कि, ‘भारत की सत्ताधारी पार्टी एक फिल्म प्रमोट कर रही है। क्या यह प्रोडक्शन में भी शामिल हैं। इस फिल्म को जनवरी में क्यों रिलीज किया जा रहा है, जब लोकसभा चुनाव में कुछ महीने का समय बचा है। लेकिन क्या मोदी-शाह को लगता है कि अब भी उन्हें इससे फायदा होगा’?

ट्विटर पर ही लोकेश नाम के यूजर ने लिखा कि, ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड को लेकर नहीं पता, लेकिन अनुपम खेर को राज्यसभा का टिकट मिलना चाहिए’। सुमेध नाम के एक यूजर ने लिखा कि, ‘प्रोड्यूसर ने सबसे बड़ी पार्टी का आईटी सेल हायर कर ली’।

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गुरुवार(27 दिसंबर) को रिलीज हुए ‘द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ट्रेलर में दिखाया गया कि आखिर किस तरह कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया साल 2004 में मनमोहन सिंह का प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित करती हैं। वहीं कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह पर देश के लिए काम नहीं बल्कि पार्टी के लिए काम करने का भी आरोप लगता है। आरोपों से परेशान होकर आखिरकार मनमोहन सिंह का परिवार भी उन्हें सख्त फैसला लेने के लिए कहता है। जारी हुए ट्रेलर में दिखाया गया है कि मनमोहन सिंह पार्टी के दवाब और प्रधानमंत्री पद की गरिमा बनी रखने के लिए अपने पद से इस्तीफा देने की बात सोनिया गांधी से कहते हैं। हालांकि मनमोहन सिंह की इस पेशकश को सोनिया गांधी खारिज कर देती हैं।