Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले को काफी समय बीत चुका है, भारत की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर जैसी निर्णायक कार्रवाई को भी अंजाम दिया गया। लेकिन अभी भी जांच एजेंसी के हाथ वो आतंकवादी नहीं आ पाए हैं जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया था। अब तो राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी को कुछ ऐसे सुराग मिले हैं जिसके बाद दावा हुआ है कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकी हमले के बाद जिन तीन आतंकियों की तस्वीर जारी की थी, असल में वो मास्टरमाइंड हैं ही नहीं।

लश्कर के निकले तीनों आतंकी

एनआईए को अपनी जांच में पता चला है कि तीनों ही आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और लश्कर से ताल्लुक रखते थे। अब जानकारी के लिए बता दें कि एनआईए ने कुछ दिन पहले ही दो कश्मीरी नागरिक परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया था। दोनों से कई घंटे की पूछताछ हुई और इस पूछताछ में पता चला कि पहलगाम में जिन आतंकवादियों ने हमले को अंजाम दिया था, कुछ समय के लिए वो इन दोनों ही आरोपियों के घर पर रुके थे, उन्होंने खाना खाया था।

एनआइए के मुताबिक 20 अप्रैल की रात को तीनों ही दहशगर्द इन कश्मीरियों के घर पहुंचे थे, उनकी तरफ से इन दोनों को कुछ पैसे भी दिए गए और मुंह बंद रखने के लिए कहा गया।

भारत के पास भी अमेरिका जैसी ताकत

एक मास्टरमाइंड का चला पता

अब जांच एजेंसी ने पूछताछ के दौरान परवेज और बशीर को कई संदिग्धों की तस्वीर दिखाई थी, उसके आधार पर ही जानकारी मिली कि दो आतंकी इन दोनों के घर आए थे। जांच एजेंसी के मुताबिक एक आतंकी का नाम तो सुलेमान शाह है जो पिछले साल हुए सुरंग हमले का मास्टरमाइंड था। उस आतंकी हमले में 7 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी, उसी आतंकवादी हमले में सुलेमान का एक दूसरा साथी मार गया था।

दो कश्मीरियों ने की आतंकियों की मदद

लेकिन उसका फोन ही एक बड़ा सबूत भी साबित हुआ क्योंकि उसमें कई दूसरे संदिग्ध आतंकियों की तस्वीर मिली। इन्हीं तस्वीरों को पहलगाम हमले के बाद गिरफ्तार हुए दोनों कश्मीरी आरोपियों को दिखाया गया और साफ हो गया कि तीनों ही आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे और लश्कर से उनका ताल्लुक था। अभी के लिए एनआईए ने दोनों ही कश्मीरी नागरिकों को अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार कर रखा है।

 Mahender Singh Manral की रिपोर्ट