उत्तर भारत के कुछ स्कूलों समेत दिल्ली के एक प्रख्यात स्कूल में पढ़ाई जा रही एक किताब में बच्चों से एक बिल्ली को इसलिए बक्से में बंद करने की सलाह दी गई है ताकि वो पता कर सकें कि जीवित चीजें बिना हवा के जिंदा नहीं रह सकतीं। कक्षा चार के बच्चों को पढ़ाई जा रही इस किताब में लिखा है, “कोई भी जीवित चीज बिना हवा के कुछ देर से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकती। आप एक प्रयोग भी कर सकते हैं। दो लड़की के बक्से लें। इनमें एक में छेद कर दें। दोनों बक्सों में एक एक बिल्ला का बच्चा रख दें और बंद कर दें। कुछ समय बाद बक्से को खोलें। आप क्या देखते हैं? जिस बक्से में छेद नहीं था उसमें रखा गया बच्चा मर जाता है।”
पीपी पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस किताब का नाम Our Green World है, जो कई स्कूलों में पर्यावरण विज्ञान पढ़ाने के काम आती है। पीपी पब्लिकेशन के प्रवेश गुप्ता ने बताया कि कुछ महीने पहले एक बच्चे के माता-पिता ने इसपर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद पब्लिशर्स ने इस किताब का वितरण बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया, “एक अभिभावक ने कुछ महीने पहले हमें किताब से इस हिस्से को हटाने की बात कही थी क्योंकि यह बच्चों के लिए अहितकर साबित हो सकता था। हमने डिस्ट्रिब्यूशन चैनल से इस किताब को वापस मंगा लिया है और अब अगले साल के लिए नई किताब जारी की जाएगी”
गुप्ता ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है कि कितने स्कूलों में इस किताब को पढ़ाया जा रहा था। हालांकि जिन स्कूलों ने पहले से ही इसे खरीद लिया था वो अब भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में कुछ परिजनों ने पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को किताब बारे में लिखा था। भारतीय पशु संरक्षण संगठनों के परिसंघ (FIAPO) को पिछले हफ्ते एक शिकायत मिली जिसमें संघ से किताब के पब्लिशर के खिलाफ विरोध करने की मांग की गई थी।

