Tesla in India: इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली अमेरिकी कंपनी टेस्ला को लेकर चर्चा है कि उसकी गाड़ियां जल्द ही भारतीय मार्केट में आ सकती है लेकिन अब इसको लेकर संशय बढ़ गया है, क्योंकि सरकार का कहना है कि टेस्ला केवल शोरूम खोलना चाहती हैं, भारत में मैन्युफेक्चरिंग नहीं करना चाहती। इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या एलन मस्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में आ गए हैं?

दरअसल, पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने टेस्ला के भारत आने को लेकर कहा कि टेस्ला केवल दो शोरूम शुरू करना चाहती है और कंपनी भारत में मैन्युफैक्चरिंग में कोई रुचि नहीं रखती है।

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मंत्रालय के अधिकारी बोले- मंत्री ने बताया अनौपचारिक इनपुट

वही इस दौरान ही उनके मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि आज तक, हमारे पास यही जानकारी है। असली इरादा हमें तब पता चलेगा जब हम आवेदन खोलेंगे, अगर कंपनी अभी भी निवेश करना चाहती है। मंत्री जो कह रहे हैं वह अनौपचारिक इनपुट है जो लोगों ने आकर बताया है।

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कंपनी ने मुंबई के शोरूम के लिए लीज पर ली थी जमीन

इसके अलावा मार्च में टेस्ला ने मुंबई में अपना पहला शोरूम खोलने के लिए एक लीज़ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे क्योंकि यह भारत में आयातित कारों को बेचने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। पिछले साल भी टेस्ला की प्लानिंग कुछ ऐसी ही थी, जिसे बाद में टाल दिया गया था।

ट्रंप ने दी थी टेस्ला को नसीहत

ध्यान देने वाली बात यह है कि फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनका मानना ​​है कि टेस्ला की भारत में कोई भी फैक्ट्री खोलने की योजना वाजिब नहीं होगी।

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भारत में ईवी को लेकर क्या है पॉलिसी?

भारत की ईवी पॉलिसी की बात करें तो मार्च 2024 में नई ईवी पॉलिसी की घोषणा की गई थी और इसके तहत ग्लोबल ऑटो कंपनियों पर 35000 डॉलर या फिर इससे महंगी इलेक्ट्रिक कारों के इम्पोर्ट पर 70 फीसदी के बजाय 15 फीसदी की ड्यूटी लगाए जाने का फैसला हुआ था लेकिन कम रेट पर इंपोर्ट ड्यूटी का फायदा तब मिलेगा जब कंपनी न्यूनतम 486 मिलियन डॉलर का भारत में निवेश करेगी।

इस नई पॉलिसी के तहत कंपनियां एक साल में 8000 इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही लो ड्यूटी रेट पर इंपोर्ट कर पाएंगी। बता दें कि एलन मस्क लंबे समय से भारत हाई इंपोर्ट ड्यूटी की आलोचना करते आए हैं।

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